मुरादाबाद। प्रदेश भर में एक लाख आडिट आपत्तियां लंबित हैं। मुरादाबाद मंडल में ही हजारों की संख्या है। रेवेन्यू बोर्ड के मेंबर ने इस पर नाराजगी जताते हुए तत्काल निस्तारण के आदेश दिए। रामपुर के एक बाबू ने लेखपालों को ज्यादा भुगतान कर दिया है जिस पर कार्रवाई का फरमान जारी किया गया। यहां आपदा राहत निधि के उस पैसे का हिसाब भी मांगा गया जो तहसील और बैंक के बीच से गायब हुआ है।
बोर्ड आफ रेवेन्यू के मेंबर केके सिन्हा और अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त राजवर्धन सिंह ने आडिट आपत्तियों को लेकर कमिश्नरी में समीक्षा की। इस दौरान पांचों जिलों केे अफसर मौजूद रहे। अफसरों से कहा गया कि जिस तरह से आपत्तियों का निस्तारण होना चाहिए वैसे हो नहीं पा रहा है। बड़े पुराने पुराने मामले लंबित पड़े हैं। कहीं जीपीएफ का ज्यादा भुगतान कर दिया गया है तो कहीं वेतन निर्धारण गलत हो गया। जीपीएफ का अंतिम निष्कासन एसडीएम को नहीं करना चाहिए लेकिन वह कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर कई दफा आदेश जारी किए गए। सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया कि तेजी से लंबित मामलों को चेक कराया जाए। जहां भी गलत तरीके से पैसा निकाल लिया गया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस दौरान मंडलायुक्त ओपीएन सिंह ने कहा कि अभियान चलाकर शिकायतों का निस्तारण करेंगे। सभी जिलाधिकारी अपने अपने स्तर से मामलों को देखेंगे। इस मीटिंग में मुरादाबाद, रामपुर, ज्योतिबाफुले नगर, भीमनगर और बिजनौर के अधिकारी मौजूद रहे।