मुरादाबाद। अंडरपास की साइट देखने के लिए इंजीनियरों की टीम मौके पर पहुंची। अंडरपास या ओवरपास। कहां से निर्माण होगा। कितना अतिक्रमण हटेगा। संभावित लागत क्या होगी। इस पर मंथन हुआ। अफसरों का कहना है कि रेलवे को भी मदद करनी होगी। शासन स्तर से बजट आवंटित होगा।
गोविंद नगर अंडरपास को लेकर प्रशासनिक कसरत तेज हो गई है। बुधवार को लोकनिर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर अरविंद कुमार भाटिया, एससी एके पांडेय, एसपी सिंह, अधिशासी अभियंता एके गोयल और ब्रिज कारपोरेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर डीके गुप्ता साइट देखने मौके पर पहुंचे। सभी तकनीकी पहलुओं का निरीक्षण किया गया। निर्माण कहां से शुरू हो सकता है। लाइनों के किनारे कितना अतिक्रमण हटाया जाएगा। अंडरपास बनना चाहिए या फिर ओवरपास। इन सभी बिंदुओं पर मंथन किया गया। रेलवे क्या मदद कर सकता है और बजट कहां से आएगा यह भी रिपोर्ट बनाई जा रही है। लोकनिर्माण विभाग के अफसरों का कहना है कि उन्हें तो इसके लिए बजट मिलेगा नहीं। या तो नगर निगम को बजट देना होगा या फिर प्राधिकरण को। खैर अभी एक दफा और निरीक्षण किया जाना है। उसके बाद रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी। उधर शाम को शहर विधायक यूसुफ अंसारी की अगुवाई में शहर के मोअज्जिज लोग जिलाधिकारी डा. हरिओम से मिले। जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने कमेटी बना दी है। यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। उस रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान शिव सेना जिला प्रमुख वीरेंद्र अरोड़ा, डा. मुकेश अग्रवाल, केके सिंघल, सरदार अमोलक सिंह, नरेंद्र सिक्का, संजीव राघव एडवोकेट, ललित चौधरी, गगन शर्मा और विवेक गुप्ता मौजूद रहे।
आज से नापजोख कराएगा रेलवे
मुरादाबाद। अंडरपास को लेकर रेलवे ने भी कसरत शुरू कर दी है। बुधवार को रेलवे के अधिकारी वर्ष 2004 में तैयार किया गया अंडरपास का नक्शा लेकर यहां पहुंचे। तब और अब की स्थिति का आंकलन किया। पता चला कि एक बड़े इलाके में अतिक्रमण हो चुका है। अंडरपास के लिए बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ करानी पड़ेगी। बृहस्पतिवार से जमीन की नापजोख का काम शुरू होगा। निरीक्षण करने वालों में मंडलीय अभियंता (जी) जेपी यादव, सहायक अभियंता (मुख्यालय), निर्माण निरीक्षक शादाब सिद्दीकी शामिल थे।