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मिर्जापुर। न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट विनय कुमार ने नाबालिग लड़की के साथ दुराचार के मामले में आरोपी प्रद्युम्न पटेल निवासी देवपुरा थाना मड़िहान पर दोष सिद्ध पाते हुए पांच साल सश्रम कारावास तथा साढ़े दस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार एक असहाय अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की अपनी बहन के साथ नाटक देखने गई थी। रात ग्यारह बजे लौटते समय उसके पीछे आरोपी लग गया। आरोप है कि रास्ते में सुनसान जगह पर खींच ले गया और जबरन दुराचार किया। पीड़िता द्वारा घटना की सूचना थाने में दी गई। पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस मामले की सुनवाई मंगलवार को न्यायालय में हुई।
अभियोजन पक्ष के द्वारा सभी साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य, गवाहों के बयान और वकीलों की जिरह के मद्देनजर न्यायालय ने आरोपी प्रद्युम्न पटेल को दोष सिद्ध पाया। न्यायालय ने दोष सिद्ध पाने पर संबंधित धाराओं के तहत आरोपी प्रद्युम्न पटेल को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने साढ़े दस हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया। दंडित किया। न्यायालय का निर्देश रहा कि अर्थदंड न अदा करने की दशा में प्रद्युम्न को छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
मिर्जापुर। न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट विनय कुमार ने नाबालिग लड़की के साथ दुराचार के मामले में आरोपी प्रद्युम्न पटेल निवासी देवपुरा थाना मड़िहान पर दोष सिद्ध पाते हुए पांच साल सश्रम कारावास तथा साढ़े दस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार एक असहाय अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की अपनी बहन के साथ नाटक देखने गई थी। रात ग्यारह बजे लौटते समय उसके पीछे आरोपी लग गया। आरोप है कि रास्ते में सुनसान जगह पर खींच ले गया और जबरन दुराचार किया। पीड़िता द्वारा घटना की सूचना थाने में दी गई। पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस मामले की सुनवाई मंगलवार को न्यायालय में हुई।
अभियोजन पक्ष के द्वारा सभी साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य, गवाहों के बयान और वकीलों की जिरह के मद्देनजर न्यायालय ने आरोपी प्रद्युम्न पटेल को दोष सिद्ध पाया। न्यायालय ने दोष सिद्ध पाने पर संबंधित धाराओं के तहत आरोपी प्रद्युम्न पटेल को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने साढ़े दस हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया। दंडित किया। न्यायालय का निर्देश रहा कि अर्थदंड न अदा करने की दशा में प्रद्युम्न को छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।