मिर्जापुर। पीलिया व एनीमिया रोग से पीड़ित होने पर जिलाकारागार में बंद दो बंदी को जेल पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। चिकित्सकाें ने अनुसार बंदियाें को पीलिया तथा खून की कमी है जिससे वह कमजोर हो गए है और उनका इलाज करना जरुरी है।
सोनभद्र जनपद के राजेश विश्वकर्मा व नागेश्वर चेरो नामक बंदी पिछले कुछ महीनाें दहेज उत्पीड़न के तहत जिला कारागार में बंद चल रहे हैं। बंदियाें के अनुसार जेल में शुद्ध पेयजल व मानक के अनुरुप भोजन नहीं मिलने पर राजेश व नागेश्वर पिछले कुछ माह से बीमार चल रहे है। नागेश्वर को बाबाशीर रोग होने के कारण खून की कमी हो गई जबकि राजेश पीलिया रोग से पीड़ित बताया जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मियाें ने बताया कि नागेश्वर को मंगलवार को भर्ती किया था जबकि राजेश को बुधवार को भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि अभी कुछ दिनाें पहले ही जनपद न्यायाधीश समेत डीएम एसपी ने जिला जेल का औचक निरीक्षण किया था। जहां पर सभी ने बंदियाें के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की थी तथा समय समय पर जेल में ही स्वास्थ्य शिविर लगाने का निर्देश दिया था। लगातार बंदियाें के गिरते स्वास्थ्य के प्रति जेल प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। जिससे आए दिन कोई न कोई बंद बीमारी की जद में आकर बीमार होता चला जा रहा है। बंदियाें की माने तो पूर्व में कुछ बंदियाें की बीमारी से मौत भी हो चुकी है।
मिर्जापुर। पीलिया व एनीमिया रोग से पीड़ित होने पर जिलाकारागार में बंद दो बंदी को जेल पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। चिकित्सकाें ने अनुसार बंदियाें को पीलिया तथा खून की कमी है जिससे वह कमजोर हो गए है और उनका इलाज करना जरुरी है।
सोनभद्र जनपद के राजेश विश्वकर्मा व नागेश्वर चेरो नामक बंदी पिछले कुछ महीनाें दहेज उत्पीड़न के तहत जिला कारागार में बंद चल रहे हैं। बंदियाें के अनुसार जेल में शुद्ध पेयजल व मानक के अनुरुप भोजन नहीं मिलने पर राजेश व नागेश्वर पिछले कुछ माह से बीमार चल रहे है। नागेश्वर को बाबाशीर रोग होने के कारण खून की कमी हो गई जबकि राजेश पीलिया रोग से पीड़ित बताया जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मियाें ने बताया कि नागेश्वर को मंगलवार को भर्ती किया था जबकि राजेश को बुधवार को भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि अभी कुछ दिनाें पहले ही जनपद न्यायाधीश समेत डीएम एसपी ने जिला जेल का औचक निरीक्षण किया था। जहां पर सभी ने बंदियाें के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की थी तथा समय समय पर जेल में ही स्वास्थ्य शिविर लगाने का निर्देश दिया था। लगातार बंदियाें के गिरते स्वास्थ्य के प्रति जेल प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। जिससे आए दिन कोई न कोई बंद बीमारी की जद में आकर बीमार होता चला जा रहा है। बंदियाें की माने तो पूर्व में कुछ बंदियाें की बीमारी से मौत भी हो चुकी है।