हलिया। थाना क्षेत्र के लहुरिया दह गांव के जंगल में शनिवार की सुबह एक युवक की क्षतविक्षत लाश मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जंगल में बकरी चराने गए चरवाहोें ने घटना की जानकारी ग्रामीणाें को दी। सूचना पर पहुंचे चौकी प्रभारी ड्रमंडगंज फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।
हलिया थाना क्षेत्र के पवारी कला गांव निवासी राम नरेश कोल 22 वर्ष पुत्र झगड़ू कोल की माता की मौत करीब दस वर्ष पहले व पिता की मौत पांच वर्ष पूर्व बीमारी से हुई थी। राम नरेश को दो बहने हैं। जिनमें बड़ी बहन की शादी लहुरिया दह गांव निवासी छोटेलाल कोल के साथ तथा छोटी बहन की शादी बरुआ गांव में हुई है। रामनरेश का छोटा भाई सुनील कोल 10 वर्ष अपनी छोटी बहन के यहां बरुआ गांव में ही काफी दिन से रहता है। पुलिस के अनुसार रामनरेश दीपनगर स्थित किसी रोलर पर खलासी का कार्य करता था। चार दिन पूर्व वह अपनी बड़ी बहन के यहां लहुरिया दह गांव में आया था। जहां उसकी बड़ी बहन ने कहा कि तुम्हारी शादी करा देते हैं और तुम अपना घर बसा कर रहो । रामनरेश ने कहा कि माता पिता नहीं है इसलिए वह दुनिया से उब गया और जीना नहीं जाता है। भाई की बात सुनकर बड़ी बहन ने उसे ढाढ़स बंधाते हुए कोई भी गलत कदम उठाने से मना किया था। दो दिन पहले रामनरेश अपनी बहन के यहां से खाना खाने के बाद दीपनगर के लिए निकला था। शनिवार की सुबह करीब आठ बजे जंगल में बकरी चराने गए चरवाहों ने एक पेड़ के नीचे एक युवक की क्षतविक्षत लाश देखी तो गांव जाकर इसकी सूचना ग्रामीणाें को दी।
जानकारी मिलते ही भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। सूचना पर पहुंचे चौकी प्रभारी ड्रमंडगंज इंद्रभूषण यादव ने शव की पहचान कराई। युवक लाल रंग का शर्ट व पीले रंग का पैंट पहने हुए था। कपड़े के आधार पर ही युवक के बहन व बहनोई ने शव की पहचान रामनरेश के रूप में की। ग्रामीणाें के अनुसार मृतक रामनरेश का शव उसकी बहन के घर से करीब पांच सौ मीटर दूर लहुरिया दह के जंगल में मिला है।
पुलिस के अनुसार युवक की मौत दो दिन पूर्व हुई है क्योंकि शव काफी फूल गया था तथा दुर्गंध आ रही थी वहीं जंगली जानवर भी उसके चेहरे, हाथ तथा सीने को नोचकर खा गए थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।