मिर्जापुर। विकास खंड पहाड़ी के माधोपुर न्याय पंचायत के करीब आधा दर्जन गांवों में दर्जनों हैंडपंपों पर निजी सबमर्सिबल पंप लगा दिए गए हैं। हैंडपंप सरकारी खर्चे पर लगाए गए थे। मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में बैठे एक लिपिक की सांठगांठ से पहले हैंडपंप लगाए गए फिर रिबोर के नाम पर खेल हुआ।
पहाड़ी ब्लाक के माधोपुर न्याय पंचायत में पड़ने वाले छटहां, पैड़ापुर, छीतमपट्टी, चौहानपट्टी, ककरहां, बेदौली कला, माधोपुर आदि गांवों में हैंडपंपोँ की रिबोरिंग तेजी से हो रही है। यूपी एग्रो और जलनिगम से नए हैंडपंप तो लगाए ही जा रहे हैं साथ ही पुराने जो रीबोर लायक नहीं है उन्हें रीबोर भी किया जा रहा है तथा उनके स्थान पर निजी सबमर्सिबल पंप डालकर लाभ लेने का खेल भी चल रहा है। अकेले चौहानपट्टी गांव में ही करीब एक दर्जन से ज्यादा ऐसे सरकारी हैंडपंप पाए गए हैं, जिनमें निजी सबमर्सिबल पंप डालकर लाभ लिया जा रहा है।
व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग ऐसे ही नहीं हो रहा है। सूत्रों की मानें तो मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के एक बाबू की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा है। प्रति नए हैंडपंप पर पांच से सात हजार रुपये तक ग्रामीणों से लिया जाता है। ताज्जुब की बात तो यह है कि हैंडपंपों में सबमर्सिबल पंप लगा दिया गया और इसकी खबर जिले के आला अधिकारियों को नहीं है। नए हैंडपंपों को लगाए जाने व रीबोर कराने के बाद स्थलीय सत्यापन तक नहीं कराया जाता है। मानक है कि 250 आबादी पर एक हैंडपंप होना चाहिए तथा दो हैंडपंपों के बीच की दूरी 70 मीटर होनी चाहिए लेकिन सभी मानकों को चौहानपट्टी में ताक पर रख दिया गया है। यहां कई घर ऐसे हैं जहां घर के आगे और पीछे दोनों तरफ हैंडपंप लगाए गए हैं। यही नहीं बोरिंग भी हुई है और हैंडपंपों में निजी सबमर्सिबल पंप लगाए गए हैं। चौहानपट्टी ग्राम पंचायत में 2285 आबादी है और यहां हैंडपंप की संख्या 132 है। स्वजल धारा के तहत गांव पंचायत में दो पानी की टंकी भी बनी है। ग्रामीणों के घरों में कनेक्शन गया हुआ है फिर भी सीडीओ कार्यालय की मेहरबानी से पहुंच वालों के घर की शोभा सरकारी खर्च पर लगे हैंडपंप व उनमें डाले गए सबमर्सिबल पंप बने हुए हैं।
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही नवागत सीडीओ ने आदेश दिया था कि सरकारी हैंडपंपों पर सबमर्सिबल पंप नहीं लगा होना चाहिए वरना कार्रवाई होगी। सीडीओ के इस आदेश की अनदेखी उनके कार्यालय में ही बैठे कुछ लिपिक कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि रुपये की लालच में पड़कर इन्हीं लिपिकों द्वारा न सिर्फ गैर जरूरतमंदों के दरवाजे पर हैंडपंप लगवाए जा रहे हैं बल्कि उनकी शह पर ही सबमर्सिबल पंप भी डाल दिया जा रहा है।