चुनार। जिलाधिकारी द्वारा तहसील चुनार के जमीनों के बैनामा हेतु निर्धारित किए जाने वाली द्विवार्षिक सर्किल रेट में एक जून से प्रस्तावित बढ़ोत्तरी को वापस लेते हुए उसे निरस्त करने की मांग जिला प्रशासन से किया है। एक जून से सर्किल रेट में होने वाले बढ़ोत्तरी के खिलाफ तहसील के अधिवक्ताओं की बैठक बार भवन में हुई, जिसमें मौजूद अधिवक्ताओं ने हर दो वर्ष पर जिला प्रशासन द्वारा मनमाने ढंग से जमीनों का सर्किल रेट बढ़ा दिए जाने का जबरदस्त विरोध किया।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि जिला प्रशासन गैर जिम्मेदाराना तरीके से सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी कर रहा है विगत दो वर्षो में जमीन की सरकारी कीमत में पचीस से चालीस प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की गयी है, जो जनहित के विरुद्ध है। वर्तमान समय में तहसील चुनार की जमीन की वास्तविक कीमत और सरकारी कीमत में डेढ़ से दोगुने का अंतर आ गया है जिससे रजिस्ट्री कराने वालों को अधिक स्टांप शुल्क अदा करना पड़ता है। इसके बाद भी हर वर्ष सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी की जा रही है, जिससे आम जनता के ऊपर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। अधिवक्ताओं ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा प्रस्तावित सर्किल रेट के विरुद्ध अपनी आपत्ति भी जिला प्रशासन को दी गयी, लेकिन उस पर कोई सुनवायी नही किया गया जो जनहित के खिलाफ है। चेतावनी दिया कि यदि प्रस्तावित सर्किल रेट वापस नहीं लिया गया तो अधिवक्ता तहसील के किसानों एवं आम जनता के हितों की रक्षा के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल करने को बाध्य होंगे। बैठक की अध्यक्षता संतोष नरायन सिंह एवं संचालन धर्मेन्द्र यादव ने किया। बैठक में तहसील के सभी अधिवक्ता एवं किसान मौजूद रहे।