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यूपी में नक्सलियों की कमर टूटी
Mirzapur
Updated Wed, 30 May 2012 12:00 PM IST
सोनभद्र। हार्डकोर तीन नक्सलियों लालब्रत कोल, मुन्ना विश्वकर्मा और अजीत कोल की गिरफ्तारी के बाद यूपी में नक्सलियों की कमर टूट गई है। पुलिस प्रशासन की सतर्कता से सीमा से सटे बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व एमपी के माओवादियों में हड़कंप मच गया है। हालांकि अब भी पुलिस पड़ोसी राज्यों के नक्सलियों को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछा रही है।
वर्ष 2011 में पूर्व एसपी दीपक कुमार के प्रयास से हार्डकोर नक्सली अजय राजभर, विनय सिंह, नवल और सुनील भुइया ने आधुनिक असलहे और कारतूस के साथ पुलिस के समक्ष समर्पण किया था। साथियों के समर्पण करने के कुछ ही दिनोें बाद नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा के गिरोह ने बिहार के रोहतास जनपद के मुखिया सुग्रीव खरवार के सगे भाई और चचेरे भाई समेत चार लोगाें की हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने यदुनाथपनुर के मुखिया गंगेश्वर सिंह के आवास को बम से उड़ा कर पांच राज्यों के पुलिस महकमे में खलबली मचा दी थी। विगत कुछ माह पूर्व राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के नागनार हरैया गांव में निवर्तमान एसपी मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने पचास हजार का इनामी समझावन चेरो को गिरफ्तार कर माओवादियों को कमजोर कर दिया। इसी क्रम में विगत 24 मई को चोपन थाना क्षेत्र के कनच कन्हौरा जंगल में एसपी सुभाष चंद्र दुबे के नेत़ृत्व में फोर्स ने तीन लाख का इनामी कुख्यात नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और पचास हजार का इनामी अजीत कोल को गिरफ्तार कर नक्सल मूवमेंट को तगड़ा झटका दिया। मंगलवार की अलसुबह एसपी ने नक्सलियों के आका एक लाख का इनामी लालब्रत कोल को पकड़ कर यूपी पुलिस के अध्याय से नक्सलियों की छत ही छीन ली। एसपी का कहना है कि यूपी के रहने वाले सभी नक्सली पकड़े जा चुके हैं। अब पड़ोसी राज्यों के बचे नक्सलियों को दबोचने के लिए अभियान जारी है। पिपरी सीओ प्रमोद यादव, चोपन एसओ रविंद्र यादव, ओबरा एसओ संजीव मिश्रा, कोन एसओ शिवानंद मिश्रा, शक्तिलगर एसओ पंकज यादव, बीरेंद्र यादव का नक्सली को दबोचने में अहम योगदान रहा।
सोनभद्र। हार्डकोर तीन नक्सलियों लालब्रत कोल, मुन्ना विश्वकर्मा और अजीत कोल की गिरफ्तारी के बाद यूपी में नक्सलियों की कमर टूट गई है। पुलिस प्रशासन की सतर्कता से सीमा से सटे बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व एमपी के माओवादियों में हड़कंप मच गया है। हालांकि अब भी पुलिस पड़ोसी राज्यों के नक्सलियों को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछा रही है।
वर्ष 2011 में पूर्व एसपी दीपक कुमार के प्रयास से हार्डकोर नक्सली अजय राजभर, विनय सिंह, नवल और सुनील भुइया ने आधुनिक असलहे और कारतूस के साथ पुलिस के समक्ष समर्पण किया था। साथियों के समर्पण करने के कुछ ही दिनोें बाद नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा के गिरोह ने बिहार के रोहतास जनपद के मुखिया सुग्रीव खरवार के सगे भाई और चचेरे भाई समेत चार लोगाें की हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने यदुनाथपनुर के मुखिया गंगेश्वर सिंह के आवास को बम से उड़ा कर पांच राज्यों के पुलिस महकमे में खलबली मचा दी थी। विगत कुछ माह पूर्व राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के नागनार हरैया गांव में निवर्तमान एसपी मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने पचास हजार का इनामी समझावन चेरो को गिरफ्तार कर माओवादियों को कमजोर कर दिया। इसी क्रम में विगत 24 मई को चोपन थाना क्षेत्र के कनच कन्हौरा जंगल में एसपी सुभाष चंद्र दुबे के नेत़ृत्व में फोर्स ने तीन लाख का इनामी कुख्यात नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और पचास हजार का इनामी अजीत कोल को गिरफ्तार कर नक्सल मूवमेंट को तगड़ा झटका दिया। मंगलवार की अलसुबह एसपी ने नक्सलियों के आका एक लाख का इनामी लालब्रत कोल को पकड़ कर यूपी पुलिस के अध्याय से नक्सलियों की छत ही छीन ली। एसपी का कहना है कि यूपी के रहने वाले सभी नक्सली पकड़े जा चुके हैं। अब पड़ोसी राज्यों के बचे नक्सलियों को दबोचने के लिए अभियान जारी है। पिपरी सीओ प्रमोद यादव, चोपन एसओ रविंद्र यादव, ओबरा एसओ संजीव मिश्रा, कोन एसओ शिवानंद मिश्रा, शक्तिलगर एसओ पंकज यादव, बीरेंद्र यादव का नक्सली को दबोचने में अहम योगदान रहा।