वाराणसी। मिर्जापुर के अहरौरा थाना क्षेत्र के खोराडीह में 22 नवंबर 2001 को पीएसी कैंप पर लालब्रत कोल के नेतृत्व में हमला किया गया था।। 14 एसएलआर, 27 मैगजीन,1350 कारतूस, एक स्टेनगन, 5 मैगजीन, और 192 कारतूस लूट लिए गए थे। 19 नवंबर 2004 को चंदौली के नौगढ़ स्थित मझगांई स्थित वन चौकी को ब्लास्ट कर उड़ा दिया गया था। दो पुलिसकर्मी और एक वनकर्मी की मौत हुई थी। 20 नवंबर 2004 को चंदौली के हिनौता में लैंड माइन विस्फोट कर 36वीं वाहिनी पीएसी का वाहन उड़ा दिया गया था। 16 पुलिसकर्मी मारे गए थे। भारी मात्रा में हथियार लूट लिए गए थे। 9 अक्तूबर 2009 को लालब्रत ने मुन्ना विश्वकर्मा के साथ मिलकर सोनभद्र के मांची थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के शिवप्रकाश उर्फ डब्लू कुशवाहा का सिर कलम कर दिया गया था। पूर्व में छह इंच छोटा करने की धमकी दी गई थी। नक्सलियों ने दहशत फैलाने के उद्देश्य से ऐसा किया था। नक्सलियों को लगता था कि शिवप्रकाश पुलिस का मुखबिर है। करमा थाना क्षेत्र के करकी गांव में पुलिस मुठभेड़ के दौरान थानाध्यक्ष नौगढ़ की गोली मारकर हत्या और एक आरक्षी को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके अलावा अहरौरा में बिहारी यादव, नौगढ़ में हेमनाथ चौबे, नौगढ़ में ही फारेस्ट गार्ड मुसाफिर चौबे और गोरख यादव की हत्या, सोनभद्र के करमा में शशिकांत ठाकुर की हत्या, नौगढ़ के लौवारी में तीन लोगों की हत्या, नौगढ़ के तिवारीपुर में तीन मुसलिमों की हत्या एवं ट्रैक्टर में आगजनी, सोनभद्र के कोन स्थित गढ़ाव में राजेंद्र सिंह का घर बिस्फोट कर उड़ा गया था। कोन में राजनारायण गिरी का घर भी उड़ाया गया था। सुक रुत में फारेस्ट गार्ड और चोकीदार की हत्या कर बंदूक लूटने की घटना में लालब्रत शामिल रहा है। पुलिस को अब तक लालब्रत के खिलाफ तीन दर्जन मुकदमों की जानकारी मिली है। बिहार और झारखंड में दर्ज मुकमों की जानकारी की जा रही है। अन्य प्रांतों से घोषित इनाम की जानकारी भी की जा रही है।