मिर्जापुर। अष्टभुजा पहाड़ी पर जंगल में हुबिया व तीन बच्चों की मौत के मामले में पीएम रिपोर्ट ने पुलिस की मुश्किलें आसान कर दी है। जिले के पुलिस प्रमुख सुरेशचंद्र पांडेय कहते हैं कि अत्यधिक धार्मिक उन्माद में हुबिया बच्चों को लेकर पैदल ही पहाड़ पर चली गई होगी। दर्शन के लिए निकलने की वजह से उनके पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं था। यह बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आ चुकी है। पूरी संभावना है कि हुबिया व बच्चे तल्ख धूप में डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए होंगे। फिलहाल पुलिस दूसरे पहलू को भी ध्यान में रखते हुए तफ्तीश कर रही है।
अष्टभुजा पहाड़ी के जंगल में संतकबीर नगर की वृद्धा व उसके बेटे के तीन बच्चों की मौत की पहेली पुलिस बुधवार को भी नहीं सुलझा पाई। हां पुलिस के पास अपने बचाव में कहने को बहुत कुछ था। चार क्षत विक्षत लाशों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ चुकी है। इसमें चिकित्सक द्वारा साफ-साफ कहा गया है कि किसी की आंत में अन्न का एक दाना भी नहीं था। इसे ही आधार बनाते हुए बुधवार को खुद एसपी सुरेशचंद्र पांडेय ने भी कहा कि इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि मौत की वजह डिहाइड्रेशन ही है। तर्क दिया कि महिला का जो चेहरा काला हुआ है वह तेजाब से नहीं बल्कि शरीर में पानी नहीं होने की वजह से हुआ था। जंगल में जाने की बात पर कहा कि भटक कर चली गई होगी। घटनाक्रम के बारे में संभावना व्यक्त की कि हो न हो हुबिया बच्चों को लेकर अमरावती चौराहे से करीब तीन किलोमीटर दूर कालीखोह मंदिर गई होगी। फिर वहां से सीढ़ी चढ़कर करीब एक किलोमीटर दूर अष्टभुजा पहाड़ पर स्थित गेरुआ तालाब पहुंची होगी। वहां से दो किलोमीटर पैदल चलकर मोतिया तालाब भी गई होगी। एसपी कयास लगाते हुए वहां तक पहुंचे जहां पर चारों लाशें क्षत विक्षत हाल में पाई गई थीं। यह पूछे जाने पर कि हुबिया बच्चों को लेकर मोतिया तालाब से करीब दो किलोमीटर दूर जंगल में भला कैसे गई होगी? वह थोड़ा संभले और फिर बोले कि रास्ता भटक गई होगी। दर्शन-पूजन के नाम पर महिला व बच्चों ने कुछ खाया-पिया भी नहीं होगा जिससे वह डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए रहे होंगे। विंध्याचल अमरावती चौराहे से करीब आठ किलोमीटर दूर अष्टभुजा पहाड़ी पर देवरी गांव के समीप जंगल तक की पैदल यात्रा बच्चों ने भला कैसे पूरी की होगी? यहां भी एसपी ने कल्पना की और कहा कि कुछ दूर छोटे बच्चे को गोद में ली होगी तो कुछ दूर पैदल चलाई होगी?