मिर्जापुर। 62 वर्षीय दादी आखिर पहाड़ पर पहुंची कैसे? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसकी तह में पुलिस को जाना पड़ेगा। संतकबीर नगर के एक गांव से बच्चों संग देवी मां के दर्शन करने की इच्छा संजोए पहुंची वृद्धा विश्वास में पहले अपहृत हुई और फिर बड़े ही निर्दयता पूर्वक कत्ल कर दी गई। घटना स्थल के दृश्य से तो यही पता चलता है कि कातिलों के वहशियाना रूप को देखकर बच्चे इधर-उधर भागे होंगे। बच्चों को दौड़ा-दौड़ा कर पकड़ा गया होगा और फिर बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। वहीं इस संबंध में एसपी सुरेश चंद्र पांडेय का कहना है कि वृद्धा के गांव में पुलिस की एक टीम को भेजा गया है जो यह पता करने गई है कि वहां किसी से कोई दुश्मनी तो नहीं थी।
संत कबीर नगर के खलीलाबाद थाना क्षेत्र के सरौली गांव निवासी हुबिया पत्नी लालता प्रसाद गांव के जिन लोगों के साथ अपने पोती-पोते संग आई थी वह लोग भी उसे अंतिम बार विंध्याचल मंदिर में ही देखने की बात कह रहे हैं। दर्शन के बाद जिस अमरावती चौराहे पर सभी को एकत्र होना था वहां हुबिया और बच्चे नहीं पहुंच पाए। विंध्याचल मंदिर व गलियों से उन्हें आखिर कोई अजनबी भला कैसे उठा ले जा सकता है यह बात समझ से परे है? यदि गांव के ही किसी पुराने दुश्मन का हाथ इस तरह की घटना में होना कुछ देर के लिए मान भी लिया जाए तो साथ में यह भी तय है कि महिला व बच्चों को साजिश के तहत झांसे में लिया गया होगा।
कहने का मतलब कि कोई न कोई ऐसा अपना रहा होगा जिस पर हुबिया को भरोसा था और वह उसके बहकावे में आकर बच्चों संग पहाड़ पर चली गई होगी। यह भी कहा जा रहा है कि हुबिया के गांव में जमीन को लेकर पहले से ही दुश्मनी चली आ रही है। इससे इस बात को और भी बल मिलता है कि एक ही परिवार के चार सदस्यों को एक साथ कत्ल करने के लिए गहरी साजिश तैयार की गई और उसे मौका पाते ही अंजाम भी दे दिया गया। अब जबकि वारदात हो चुकी है पुलिस हुबिया के गांव के दुश्मनों को खोज रही है।