छानबे/विंध्याचल (मिर्जापुर)। संतकबीर नगर के सुरौली गांव से जत्थे के साथ विंध्यधाम आई वृद्धा हुलिया, उसके पौत्र और पौत्री की हत्या रंजिश में की गई है। हत्या में मृतका के बेटे ने गांव के ही कुछ लोगों का हाथ बताया है। उसका आरोप है कि ग्रामीणों के जत्थे में वह लोग भी थे जिनसे उसकी अदावत चल रही थी। हालांकि उसने नाम अभी तक किसी का नहीं लिया है। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि शिकायत पर ध्यान दिया गया होता तो उनकी जानें बच जातीं।
संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद थाना क्षेत्र के सरौली गांव निवासी इंदर पुत्र मगन ने नई डीसीएम गाड़ी खरीदी थी। 19 मई को वह गांव के चालीस लोगों को लेकर विंध्याचल दर्शन के लिए आया था। इसी जत्थे में गांव की हुबिया (62) पत्नी लालता प्रसाद, अपने पुत्र दिनेश के तीन बच्चों धीरज (9 वर्ष), गुलशन (7 वर्ष) व नीलम (5 वर्ष) के साथ आई थी। बस मालिक इंदर व गांव के ही गोविंद एवं राजाराम ने बताया कि शनिवार की सुबह गंगा स्नान करके सभी लोग मां के दर्शन के लिए विंध्याचल मंदिर में लाइन में लगे थे। तय था कि दर्शन के बाद सभी अमरावती चौराहे पर एकत्र होंगे। हुबिया भी अपने तीनों पोते-पोतियों के साथ दर्शन के लिए लाइन में लगी थी। उसके बाद से ही वह बच्चों संग लापता हो गई। इंदर व उसके साथियों का कहना है कि दर्शन के बाद जब तयशुदा स्थान पर हुबिया व बच्चे नहीं पहुंचे तो वे उसकी खोजबीन करने लगे। काफी खोज के बाद भी कुछ पता न चलने पर इंदर, गोविंद एवं राजाराम विंध्याचल में ही रुक गए और अन्य लोगों को गांव भेज दिया गया। उन लोगों ने हुबिया व बच्चों के लापता होने की सूचना विंध्याचल कोतवाली में भी दी लेकिन गुमशुदगी दर्ज करने की जगह पुलिस ने उन्हें खुद ही खोजने को कहा। वे पिछले तीन दिनों से उनकी तलाश में लगे थे। मंगलवार की सुबह अकोढ़ी गांव में अष्टभुजा पहाड़ी पर मोतिया तालाब से करीब एक किलोमीटर पश्चिम की तरफ जंगल में गए चरवाहों ने समीप के एक सूखे नाले में महिला व तीनों बच्चों की लाशें क्षतविक्षत हाल में देखीं तो इसकी जानकारी गांव के प्रधान को दी। प्रधान ने पुलिस को सूचना दी। नाले में मिला हुबिया का शव अर्ध नग्न अवस्था में था। साया उसके ऊपर फेंका हुआ था। उससे करीब दो मीटर दूरी पर पोती नीलम की लाश थी। नीलम के शव से करीब दस मीटर दूर उसके भाई गुलशन का शव पड़ा था। गुलशन का चेहरा जंगली जानवर खा चुके थे। सिर्फ हड्डी ही बची थी। वहां से करीब पंद्रह मीटर दूरी पर धीरज का शव फेंका था। धीरज के कमर के ऊपर का हिस्सा गायब था। उसके शव के पास ही पड़ा पत्थर खून से सना हुआ था।
विंध्याचल मंदिर से पांच किलोमीटर दूर अकोढ़ी गांव में अष्टभुजा पहाड़ी पर आखिर बच्चों संग कैसे पहुंची अनजान दादी? कोई तो है जिसने चारों का न सिर्फ बहलाया फुसलाया बल्कि पहाड़ी पर ले जाकर उन्हें कत्ल भी कर दिया। जंगल में एक साथ चार शवों के मिलने की सूचना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एसओ विंध्याचल विनोद यादव तत्काल मौके पर पहुंच गए। बाद में एसपी सुरेशचंद्र पांडेय व एडिशनल एसपी (मुख्यालय) सुनील कुमार सिंह ने भी घटनास्थल का जायजा लिया।
उधर, मृतका के बेटे दिनेश गुप्ता पुत्र लालसा का आरोप है कि गांव के कुछ लोगों से उसकी पुरानी अदावत चल रही है। उसमें से कुछ लोग भी दर्शन करने गए थे। उसका आरोप है कि उन्हीं लोगों ने रंजिश में उसकी मां और मासूम बच्चों की हत्या कर दी है। हालांकि दिनेश तथा गांव के अन्य लोग भी किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं ले रहे हैं। दिनेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर मिर्जापुर पुलिस ने दो दिन तक लापरवाही नहीं की होती तो शायद जान बचाई जा सकती थी। उसने बताया कि उसने हत्या मुकदमा मिर्जापुर कोतवाली में दर्ज करा दिया है।
संतकबीरनगर के जिले के एसपी आरपी चतुर्वेदी का कहना है कि मिर्जापुर जिले में पीडि़त परिजनों द्वारामुकदमा दर्ज कराए जाने की खबर मिली है। वहां के एसपी ने पुलिस टीम भेजने की बात बताई है। कोतवाली खलीलाबाद के कोतवाल एनके सिंह को मिर्जापुर पुलिस टीम के साथ गांव जाने एवं पूरा सहयोग करने के निर्देश दिया गया है। इस मामले में आईजी गोरखपुर ने भी निर्देश दिया है कि पूरा सहयोग करके मामले की सच्चाई को लोगों के सामने लाया जाए।