चुनार। शनिवार देर शाम स्थानीय गंगा नदी पर बने जर्जर पीपा पुल पर हुई दुर्घटना में दुधमुंही बालिका की जान जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग की नींद नहीं खुली। पुल से गुजरने वाले तमाम लोग पुल पर लगे सड़े गले कमजोर स्लीपर एवं बेतरतीब फैले लोहे के स्लीपरों में फंस कर रविवार को भी चुटहिल होते रहे और जाम की स्थिति पूरे दिन बनी रही। पुल पर हुई दुर्घटना से क्षुब्ध क्षेत्रीय जनता ने जिलाधिकारी एंव उपजिलाधिकारी से मांग किया है कि घटना के जिम्मेदार विभागीय कर्मचारी एवं अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और अविलंब पुल की मरम्मत एवं फैले स्लीपरों को ठीक किया जाए। आरोप है कि जैसे जैसे पुल के हटाने का समय नजदीक आता जा रहा है। विभागीय उदासीनता पुल के प्रति बढ़ती जा रही है। विभाग की अनदेखी के कारण ही इस पुल के खराब रख रखाव के चलते हुए बड़े हादसे में दर्जनों लोगों की जाने जा चुकी है।
कांग्रेस नगर अध्यक्ष डा. सत्यवान श्रीवास्तव, मंसूर अहमद ने सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि पुल की देखरेख के लिए यहां तैनात अवर अभियंता एमएल चतुर्वेदी कभी यहां नहीं आते न ही पुल की देखरेख ही करते हैं। पुल का निर्माण भी मानक के अनुरूप नहीं हुआ है। सायंकाल होने पर पुल पर अंधेरा होने के कारण टूटे लकड़ी के स्लीपरों एवं क्षतिग्रस्त लोहे की चद्दरों में फंस कर प्रतिदिन लोगों को गंभीर चोटें आ रही है। क्षेत्रीय जनता ने कई बार इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को अवगत भी कराया लेकिन नतीजा शून्य ही रहा।