चुनार। नियम कानून चाहे जो हो। उससे भला पुलिस का क्या लेना देना। आराम और रौब बड़ी चीज है। जिस हथकड़ी की रस्सी सिपाही जी के हाथ में होना चाहिए कि कहीं मुल्जिम फरार न हो जाए वहीं मुल्जिम हथकड़ी को बडे़ आराम से अपने हाथ में समेटे सिपाही जी के पीछे पीछे चला जा रहा है। पुलिस भी जानती है कि हथकड़ी बिना आरोप सिद्ध हुए किसी को नहीं लगाया जा सकता तो वह इसी शार्टकट से अपना काम चला लेती है। यह नजारा चुनार तहसील परिसर में उस समय नजर आया जब तहसील क्षेत्र के किसी थाने का सिपाही 107 की जमानत हेतु मुल्जिम को हिरासत में ले कर उपजिला मजिस्ट्रेट चुनार के न्यायालय में पेश करने यहां आया था।