अदलहाट। गेहूं खरीद केंद्रों पर कहीं बोरा तो कहीं धनाभाव के कारण किसानों के गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है। महकमे के अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी लापरवाह बने हैं। गेहूं की बिक्री के लिए किसान तपती दोपहरिया में गेहूं खरीद केंद्रों का चक्कर काटने को मजबूर हैं। मजबूरी में किसान अपने गेहूं को बिचौलिए के हाथ बेचने को मजबूर हैं।
क्षेत्र के गेहूं खरीद केंदों पर विगत कई दिनों से किसान अपने गेहूं को रखकर अपनी बारी के आने का इंतजार कर रहे हैं। खरीद केंद्रों पर गेहूं की खरीद न होने से किसानों में महकमे के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है। कहीं बोरे की तो कहीं धनाभाव के चलते किसानों को टरकाया जा रहा है। क्षेत्रीय सहकारी समिति अदलहाट तथा साधन सहकारी समिति कोलना में न तो बोरा है और न ही धन की उपलब्धता है। इसके कारण किसानों में भारी आक्रोश है। गेहूं की खरीद न होने से किसानों की माली हालत भी बिगड़ती जा रही है। गेहूं खरीद केंद्रों पर खरीद का लक्ष्य भी काफी कम कर दिया गया है, बावजूद इसके किसानों का गेहूं नहीं खरीदा जा रहा है। विगत 29 अप्रैल तक क्षेत्रीय सहकारी समिति घाटमपुर पर 3000 कुंतल गेहूं खरीद का लक्ष्य था, जो ढाई हजार कुंतल कर दिया गया है, यही स्थित क्षेत्रीय साधन सहकारी समिति अदलहाट की भी हो गई है। क्षेत्रीय सहकारी समिति अहरौरा पर दस हजार कुंतल की जगह अब 5500 कुंतल, साधन सहकारी समिति कोलना में दस हजार कुंतल की जगह 5500 कुंतल, तथा क्षेत्रीय सहकारी समिति कैलहट पांच हजार कुंतल की जगह चार हजार कुंतल गेहूं खरीद का लक्ष्य रख दिया गया है। क्षेत्र के रानीबाग स्थित हाट शाखा के हाट निरीक्षक मिथलेश पांडेय ने बताया कि गेहूं की डिलिवरी न होने की वजह से मार्ग के किनारे खुले में गेहूं की बोरियां रखी गई है, जिसकी रखवाली के लिए कोई चौकीदार भी नहीं है।