मिर्जापुर। जयेष्ठ कृष्ण अमावस्या को महिलाओं ने विधि-विधान से वट-वृक्ष का पूजन कर अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए कामना किया। नगर के बरियाघाट स्थित श्री पंचमुखी महादेव मंदिर परिसर में लगे वट वृक्ष की पूजन करने के लिए रविवार को महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं सोलह शृंगार कर वट वृक्ष की जल के साथ ही रोली, चावल, फूल, माला से पूजन कर पूड़ी-हलवा व सौभाग्य सामग्री वट वृक्ष को चढ़ाकर कच्चे धागे से वट वृक्ष को लपेटकर पूजन किया। पूजन करने के बाद घर पर आकर महिलाएं पूड़ी-हलवा, गुलगुला, आदि प्रसाद के रूप में ग्रहण कर लोगों के बीच प्रसाद वितरित किया। आचार्य रामलाल त्रिपाठी ने कहा कि अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए महिलाएं वट वृक्ष का पूजन करती हैं। प्राचीन काल में सावित्री द्वारा वट पूजन करने के प्रभाव से अपने मरे हुए पति सत्यवान को जीवित कर दिया था। पूजन करने के बाद घर पर आकर महिलाएं पूड़ी-हलवा, गुलगुला, आदि प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं। कहा कि वट सावित्री का व्रत एवं पूजन उत्तर भारत में जयेष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण भारत में यह व्रत ज्येष्ठ सुदी पूर्णिमा को मनाया जाता है।