राजगढ़। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र से छह माह पहले सेवानिवृत्त हुए एइएचओ के जीपीएफ से निकाले गए 21 हजार रुपये का हिसाब नहीं मिलने के कारण उन्होेंने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। वादी की गुहार पर हाईकार्ट ने सीएमओ से एक हप्ते के अंदर पूरी पत्रावली लेकर उपस्थित होने का निर्देश जारी किया।
राजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अमर बहादुर सिंह एइएचओ के पद पर तैनात थे। छह माह पहले वह स्वास्थ केंद्र से सेवानिवृत्त हुए थे। आरोप है कि इनके जीपीएफ से 26 हजार रुपया अवैध तरीके से निकाल लिया गया है। जबकि इनके द्वारा जीपीएफ से केवल छह हजार रुपया ही निकला गया था। बाकी 21 हजार रुपये किसने निकाला इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। रुपये निकालने की जानकारी प्राप्त करने के लिए वह विभागीय कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक गए लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी। जिसके बाद वह हाईकोर्ट की शरण में चले गए।
अमर की गुहार के आधार पर हाईकोर्ट ने सीएमओ को निर्देशित किया कि वह 28 मई तक पूरी पत्रावली लेकर कोर्ट में पेश हों। कोर्ट ने चेतवानी भी दी कि अगर अभिलेखाें के साथ समय सीमा के अंदर उपस्थित नहीं हुए तो सारे धन की रिकवरी सीएमओ से ही किया जाएगा। इस निर्देश पर बौखलाए सीएमओ ने तीन अधिकारियाें की एक जांच टीम गठित कर राजगढ़ सीएचसी पर भेजा। जहां शनिवार की सुबह से जांच टीम के तीनाें सदस्य सारे अभिलेखाें को खंगालने में जुटे रहे तथा कुछ रिपोर्ट को लेकर जिला कार्यालय चले गए। जांच टीम में डा.आरके राय, डा. डीके सिंह डिप्टी सीएमओ, डा.बीबी सिंह जिला प्रतिक्षण अधिकारी जांच दल में शामिल रहे।
राजगढ़। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र से छह माह पहले सेवानिवृत्त हुए एइएचओ के जीपीएफ से निकाले गए 21 हजार रुपये का हिसाब नहीं मिलने के कारण उन्होेंने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। वादी की गुहार पर हाईकार्ट ने सीएमओ से एक हप्ते के अंदर पूरी पत्रावली लेकर उपस्थित होने का निर्देश जारी किया।
राजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अमर बहादुर सिंह एइएचओ के पद पर तैनात थे। छह माह पहले वह स्वास्थ केंद्र से सेवानिवृत्त हुए थे। आरोप है कि इनके जीपीएफ से 26 हजार रुपया अवैध तरीके से निकाल लिया गया है। जबकि इनके द्वारा जीपीएफ से केवल छह हजार रुपया ही निकला गया था। बाकी 21 हजार रुपये किसने निकाला इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। रुपये निकालने की जानकारी प्राप्त करने के लिए वह विभागीय कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक गए लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी। जिसके बाद वह हाईकोर्ट की शरण में चले गए।
अमर की गुहार के आधार पर हाईकोर्ट ने सीएमओ को निर्देशित किया कि वह 28 मई तक पूरी पत्रावली लेकर कोर्ट में पेश हों। कोर्ट ने चेतवानी भी दी कि अगर अभिलेखाें के साथ समय सीमा के अंदर उपस्थित नहीं हुए तो सारे धन की रिकवरी सीएमओ से ही किया जाएगा। इस निर्देश पर बौखलाए सीएमओ ने तीन अधिकारियाें की एक जांच टीम गठित कर राजगढ़ सीएचसी पर भेजा। जहां शनिवार की सुबह से जांच टीम के तीनाें सदस्य सारे अभिलेखाें को खंगालने में जुटे रहे तथा कुछ रिपोर्ट को लेकर जिला कार्यालय चले गए। जांच टीम में डा.आरके राय, डा. डीके सिंह डिप्टी सीएमओ, डा.बीबी सिंह जिला प्रतिक्षण अधिकारी जांच दल में शामिल रहे।