मिर्जापुर। पुलिस लाइन के लगभग सभी गेट बुधवार की सुबह अचानक बंद कर दिए गए। गेट पर सिपाहियों की जगह दारोगाओं की तैनाती हो गई थी। इस आपाधापी से एक बारगी तो ऐसा लगा कि कहीं पुलिस लाइन पर कोई संकट आ गया। फिर अगले ही क्षण बड़ी संख्या में पुलिस के जवान दूसरे रास्ते से पुलिस अस्पताल परिसर स्थित मनोरंजन स्थल की ओर जाते दिखे। यहां पर उनका अपना नेता रथ लेकर पहुंचा था। इस रथ पर पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस के जवान सवार थे। इन्हें ही रोकने के लिए पुलिस लाइन के सभी फाटक बंद कर दिए गए थे।
पुलिस यूनियन के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह यादव की संघर्ष रथयात्राबुधवार सुबह करीब नौ बजे पुलिस लाइन पहुंची थी। लग्जरी वातानुकूलित बस पर सवार बृजेंद्र व उनके दर्जनों साथियों को पुलिस लाइन के अंदर प्रवेश करने से रोक दिया गया था। सिपाहियों को इसकी जानकारी हुई तो वह बड़ी संख्या में मनोरंजन स्थल पर जुट गए और वहां अपने नेता का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान करीब 75 सिपाहियों ने उन्हें अपनी समस्या व अधिकारियों के उत्पीड़न से संबंधित शिकायती प्रार्थनापत्र भी सौंपे। जवानों को संबोधित करने के बाद संघर्ष रथ यात्रा सोनभद्र के लिए रवाना हो गई थी। शाम को यह यात्रा ने वापस फिर जिले की सीमा में प्रवेश किया और चुनार किले में पहुंचकर वहां पुलिस व पीएसी के साथियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना।
12 जून को सीएम को सौपेंगे साथियों के प्रार्थनापत्र
मिर्जापुर। यूनियन के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि वह 29 अप्रैल से लखनऊ विधानसभा से संघर्ष रथयात्रा लेकर निकले हैं। बुधवार को मिर्जापुर उनका 29 वां जिला था। अब तक वेलफेयर से संबंधित कुल 22 सौ शिकायती प्रार्थनापत्र उनके पास आ चुके हैं। सोनभद्र में 25 व मिर्जापुर जिले में 75 प्रार्थनापत्र मिले हैं। 12 जून को लखनऊ में यात्रा समाप्ति पर वह अपने सिपाही साथियों के प्रार्थनापत्र को मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।
पुलिस लाइन में गेट बंद करने के बाबत कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि गेट बंद कर दे रहे हैं। फिर भी अधिकारी भीड़ को रोक नहीं पा रहे हैं। पुलिस के उत्साह को रोकना आसान काम नहीं है। गुरुवार को पूर्वांचल के अंतिम जिले के रुप में वह कौशांबी जाएंगे फिर शुक्रवार को रथयात्रा बुंदेलखंड के जिलों में प्रवेश करेगी।
मिर्जापुर। पुलिस लाइन के लगभग सभी गेट बुधवार की सुबह अचानक बंद कर दिए गए। गेट पर सिपाहियों की जगह दारोगाओं की तैनाती हो गई थी। इस आपाधापी से एक बारगी तो ऐसा लगा कि कहीं पुलिस लाइन पर कोई संकट आ गया। फिर अगले ही क्षण बड़ी संख्या में पुलिस के जवान दूसरे रास्ते से पुलिस अस्पताल परिसर स्थित मनोरंजन स्थल की ओर जाते दिखे। यहां पर उनका अपना नेता रथ लेकर पहुंचा था। इस रथ पर पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस के जवान सवार थे। इन्हें ही रोकने के लिए पुलिस लाइन के सभी फाटक बंद कर दिए गए थे।
पुलिस यूनियन के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह यादव की संघर्ष रथयात्राबुधवार सुबह करीब नौ बजे पुलिस लाइन पहुंची थी। लग्जरी वातानुकूलित बस पर सवार बृजेंद्र व उनके दर्जनों साथियों को पुलिस लाइन के अंदर प्रवेश करने से रोक दिया गया था। सिपाहियों को इसकी जानकारी हुई तो वह बड़ी संख्या में मनोरंजन स्थल पर जुट गए और वहां अपने नेता का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान करीब 75 सिपाहियों ने उन्हें अपनी समस्या व अधिकारियों के उत्पीड़न से संबंधित शिकायती प्रार्थनापत्र भी सौंपे। जवानों को संबोधित करने के बाद संघर्ष रथ यात्रा सोनभद्र के लिए रवाना हो गई थी। शाम को यह यात्रा ने वापस फिर जिले की सीमा में प्रवेश किया और चुनार किले में पहुंचकर वहां पुलिस व पीएसी के साथियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना।
12 जून को सीएम को सौपेंगे साथियों के प्रार्थनापत्र
मिर्जापुर। यूनियन के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि वह 29 अप्रैल से लखनऊ विधानसभा से संघर्ष रथयात्रा लेकर निकले हैं। बुधवार को मिर्जापुर उनका 29 वां जिला था। अब तक वेलफेयर से संबंधित कुल 22 सौ शिकायती प्रार्थनापत्र उनके पास आ चुके हैं। सोनभद्र में 25 व मिर्जापुर जिले में 75 प्रार्थनापत्र मिले हैं। 12 जून को लखनऊ में यात्रा समाप्ति पर वह अपने सिपाही साथियों के प्रार्थनापत्र को मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।
पुलिस लाइन में गेट बंद करने के बाबत कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि गेट बंद कर दे रहे हैं। फिर भी अधिकारी भीड़ को रोक नहीं पा रहे हैं। पुलिस के उत्साह को रोकना आसान काम नहीं है। गुरुवार को पूर्वांचल के अंतिम जिले के रुप में वह कौशांबी जाएंगे फिर शुक्रवार को रथयात्रा बुंदेलखंड के जिलों में प्रवेश करेगी।