मिर्जापुर। बाण सागर परियोजना के पत्थरों को खरीददार की तलाश है। नहर खुदाई के दौरान निकले व पिछले कई सालों से रखे करीब 43 हजार 800 घन मीटर पत्थरों की बोली बमुश्किल लग पाई है। बाण सागर परियोजना खंड पांच के लाट दो व तीन के करोड़ों रुपये के इन पत्थरों को सोनभद्र के एक ठेकेदार ने 32 लाख 50 हजार में खरीदा है। नक्सल प्रभावित मडि़हान थाना क्षेत्र के उत्तर देवरी व बहुती गांव में रखे गए इन पत्थरों की लाट को हटाने के लिए दो वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। यह समय डीएम की मंजूरी के दिन से ही लागू माना जाएगा। उधर दस मई को कलेक्ट्रेट सभागार में लगी दसवीं बोली में खरीददार आए भी तो वह सिर्फ दो लाटों की ही बोली लगा पाए। शेष लाटों की बोली नहीं लगी।
करोड़ों के घोटाले में फंसी बाण सागर परियोजना के करोड़ों रुपये के पत्थरों को खरीददार की तलाश है। नहर खुदाई के दौरान जमीन के अंदर से निकले हजारों घन मीटर पत्थर पिछले कई सालों से पड़े हैं और उन्हें कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। इसकी नीलामी के लिए वर्ष 2010 से अब तक करीब दस बार अफसर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठे लेकिन सही खरीददार नहीं मिल सके।
छह दिन पहले दस मई को कलेक्ट्रेट सभागार में पत्थरों की बोली के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थी। इसके तहत तीन ठेकेदारों ने बोली लगाई जिसमें सोनभद्र के ठेकेदार उमाशंकर सिंह खंड पांच के लाट नंबर दो व तीन के पत्थरों की बोली लगाने में कामयाब रहे। मडि़हान के उत्तर देवरी में स्थित बाण सागर नहर निर्माण खंड पांच के लाट संख्या दो में 23 हजार 250 घन मीटर पत्थरों के लिए 17 लाख में बोली लगी। यह बोली शासन से निर्धारित 16 लाख 47 हजार रुपये के न्यूनतम बोली के सापेक्ष लगी।
इसी तरह मडि़हान के ही बहुती गांव में स्थित खंड पांच के लाट संख्या तीन में रखे बीस हजार 550 घन मीटर पत्थरों के लिए पंद्रह लाख की बोली लगी। इसे भी सोनभद्र के ठेकेदार उमाशंकर सिंह ने अपने नाम किया। इसके अलावा हलिया में स्थित खंड तीन के लाट संख्या नौ, मध्य प्रदेश की सीमा से लगे डगमगपुर स्थित खंड ग्यारह के लाट संख्या एक व खंड पांच के डगमगपुर स्थित दो लाट में रखे लाखों घन मीटर पत्थरों की बोली दस मई को भी नहीं लग पाई। इन पत्थरों को आज भी खरीददार की तलाश है।
मिर्जापुर। बाण सागर परियोजना के पत्थरों को खरीददार की तलाश है। नहर खुदाई के दौरान निकले व पिछले कई सालों से रखे करीब 43 हजार 800 घन मीटर पत्थरों की बोली बमुश्किल लग पाई है। बाण सागर परियोजना खंड पांच के लाट दो व तीन के करोड़ों रुपये के इन पत्थरों को सोनभद्र के एक ठेकेदार ने 32 लाख 50 हजार में खरीदा है। नक्सल प्रभावित मडि़हान थाना क्षेत्र के उत्तर देवरी व बहुती गांव में रखे गए इन पत्थरों की लाट को हटाने के लिए दो वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। यह समय डीएम की मंजूरी के दिन से ही लागू माना जाएगा। उधर दस मई को कलेक्ट्रेट सभागार में लगी दसवीं बोली में खरीददार आए भी तो वह सिर्फ दो लाटों की ही बोली लगा पाए। शेष लाटों की बोली नहीं लगी।
करोड़ों के घोटाले में फंसी बाण सागर परियोजना के करोड़ों रुपये के पत्थरों को खरीददार की तलाश है। नहर खुदाई के दौरान जमीन के अंदर से निकले हजारों घन मीटर पत्थर पिछले कई सालों से पड़े हैं और उन्हें कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। इसकी नीलामी के लिए वर्ष 2010 से अब तक करीब दस बार अफसर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठे लेकिन सही खरीददार नहीं मिल सके।
छह दिन पहले दस मई को कलेक्ट्रेट सभागार में पत्थरों की बोली के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थी। इसके तहत तीन ठेकेदारों ने बोली लगाई जिसमें सोनभद्र के ठेकेदार उमाशंकर सिंह खंड पांच के लाट नंबर दो व तीन के पत्थरों की बोली लगाने में कामयाब रहे। मडि़हान के उत्तर देवरी में स्थित बाण सागर नहर निर्माण खंड पांच के लाट संख्या दो में 23 हजार 250 घन मीटर पत्थरों के लिए 17 लाख में बोली लगी। यह बोली शासन से निर्धारित 16 लाख 47 हजार रुपये के न्यूनतम बोली के सापेक्ष लगी।
इसी तरह मडि़हान के ही बहुती गांव में स्थित खंड पांच के लाट संख्या तीन में रखे बीस हजार 550 घन मीटर पत्थरों के लिए पंद्रह लाख की बोली लगी। इसे भी सोनभद्र के ठेकेदार उमाशंकर सिंह ने अपने नाम किया। इसके अलावा हलिया में स्थित खंड तीन के लाट संख्या नौ, मध्य प्रदेश की सीमा से लगे डगमगपुर स्थित खंड ग्यारह के लाट संख्या एक व खंड पांच के डगमगपुर स्थित दो लाट में रखे लाखों घन मीटर पत्थरों की बोली दस मई को भी नहीं लग पाई। इन पत्थरों को आज भी खरीददार की तलाश है।