राहुल श्रीवास्तव
मिर्जापुर। चाचा मारन हैं.... पहले मम्मी के मुंह पर फिर पापा के सिर पर फरसा से किए रहेन वार। यह कहना है खजुरी मुसलिम बस्ती के समीप हुए दोहरे हत्याकांड के चश्मदीद का। मां-बाप के कत्ल में चार साल की इसी चश्मदीद बालिका को पुलिस अब अपना प्रमुख गवाह बनाने की तैयारी कर रही है। डीआईजी मनोज शुक्ला, एसपी सुरेशचंद्र पांडेय समेत मौके पर जुटे कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व इलेक्ट्रानिक मीडिया के समक्ष चार साल की मानसी ने बड़े ही बेबाकी से रात में हुई घटना के बारे में बताया। कातिल के बारे में सबकुछ जानते हुए भी पुलिस उसे नामजद नहीं कर पायी तो इसके पीछे कानूनी पेंच का फंसना प्रमुख वजह बताया जा रहा है।
खजुरी डबल मर्डर केस में कातिल कौन? इसे घटना के बाद पुलिस, मृतक के घरवाले और यहां तक कि मौके पर मौजूद आम लोगों को भी पता चल गया था फिर भी मुकदमा अज्ञात हत्यारे के खिलाफ दर्ज हुआ। ऐसा भी नहीं था कि इसके लिए पुलिस पर कोई राजनीतिक दबाव बना हो। दरअसल मृतक की चार साल की बेटी का बयान दर्ज करने के बाद भी पुलिस अपना हाथ बंधा हुआ महसूस कर रही थी तो सिर्फ कानून से। दूसरी ओर पारिवारिक मामला होने के कारण भी पुलिस कातिल को नामजद करने को लेकर पसोपेश में पड़ी हुई थी। फिर मृतक उदय का पिता ढेलई भी किसी को नामजद करने को तैयार नहीं था। मजबूरन पुलिस को अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना पड़ा।