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तटबंध-माईनर के ध्वस्त होने से सिंचाई को परेशान किसान
Updated Tue, 18 Jul 2017 12:27 AM IST
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अहरौरा। विभागीय लापरवाही के चलते नहरों के तटबंध व माइनर टूटने से टेल तक पानी नही पहुंच पा रहा जिससे किसानों के सामने सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गई है। बारिश से पूर्व ही नहरों की मरम्मत व सफाई का कार्य हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहरें बदहाल पड़ी हैं, वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी बजट का रोना रो रहे हैं , जिससे न ही नहरों का मरम्मत हो पाया और न ही साफ-सफाई, जिससे किसानों को खेती-किसानी करने में असुविधा का सामेना करना पड़ रहा ेै।
अहरौरा क्षेत्र के नीझरी, फरहदा, नीबी, पटिहटा, धुरीयां, आनंदीपुर की माइनरें ध्वस्त पड़ी हुई हैं, जिससे टेल तक पानी ही नही पहुंच पा रहा है। किसानों द्वारा कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत करने के बाद हालत जस के तस बनी हुई है। बताया जा रहा है कि प्रत्येक वर्ष सिंचाई विभाग द्वारा टेल तक पानी पहुंचाने के लिए नहरों की साफ- सफाई के साथ ही मरम्मत का काम कर लिया जाता है, लेकिन इस बार धान नर्सरी के सिंचाई लिये किसानों को पानी की आवश्यकता होने के बाद भी किसानों के खेतों मे पानी नही पहुंच पा रहा है। क्षेत्र के तियरा माइनर के पास का कुलाबा क्षतिग्रस्त है, धुरीया माइनर का तटबंध टूटा पड़ा है वहीं पटिहटा नहर का भोका नाला ध्वस्त पड़ा है। विगत चार माह से आनंदीपुर का कुलाबा टूटा है, जिसे अभी तक मरम्मत नही कराया जा सका। सरिया माइनर में सिल्ट जमा है, लेकिन उसकी अभी तक साफ- सफाई नही कराई जा सकी है। जुडुई नहर के पास टूटे तटबंध की मरम्मत कराई गई है, लेकिन वह भी पहली ही बारिश मे ध्वस्त हो गई। क्षेत्रीय किसानों का आरोप है कि अहरौरा जलाशय में सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी होने के बाद भी नहरों के तटबंध टूटने से बीच रास्ते मे ही पानी बर्बाद हो जा रहा है, जिससे क्षेत्र के किसानों के सामने सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गई है। तमाम शिकायतों को विभाग के अधिकारियों द्वारा अनसुना कर2 दिया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नहरों मे बलुई मिट्टी होने की वजह से तटबंध जल्द ही ध्वस्त हो जाते हैं। बोरी में बालू भर कर टूटे तटबंध की मरम्मत करा लिया जाता है। नहरों की सीमेंट व कंक्रीट की लाइनिंग कराने के बाद ही समस्या को दूर किया जा सकेगा। इस संबंध में सिंचाई विभाग के एक्सईएन आरके बर्न का कहना है कि बजट की कमी से नहरों के मरम्मत का काम अधूरा है शासन से बजट के लिये मांग किया गया है जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
अहरौरा। विभागीय लापरवाही के चलते नहरों के तटबंध व माइनर टूटने से टेल तक पानी नही पहुंच पा रहा जिससे किसानों के सामने सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गई है। बारिश से पूर्व ही नहरों की मरम्मत व सफाई का कार्य हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहरें बदहाल पड़ी हैं, वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी बजट का रोना रो रहे हैं , जिससे न ही नहरों का मरम्मत हो पाया और न ही साफ-सफाई, जिससे किसानों को खेती-किसानी करने में असुविधा का सामेना करना पड़ रहा ेै।
अहरौरा क्षेत्र के नीझरी, फरहदा, नीबी, पटिहटा, धुरीयां, आनंदीपुर की माइनरें ध्वस्त पड़ी हुई हैं, जिससे टेल तक पानी ही नही पहुंच पा रहा है। किसानों द्वारा कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत करने के बाद हालत जस के तस बनी हुई है। बताया जा रहा है कि प्रत्येक वर्ष सिंचाई विभाग द्वारा टेल तक पानी पहुंचाने के लिए नहरों की साफ- सफाई के साथ ही मरम्मत का काम कर लिया जाता है, लेकिन इस बार धान नर्सरी के सिंचाई लिये किसानों को पानी की आवश्यकता होने के बाद भी किसानों के खेतों मे पानी नही पहुंच पा रहा है। क्षेत्र के तियरा माइनर के पास का कुलाबा क्षतिग्रस्त है, धुरीया माइनर का तटबंध टूटा पड़ा है वहीं पटिहटा नहर का भोका नाला ध्वस्त पड़ा है। विगत चार माह से आनंदीपुर का कुलाबा टूटा है, जिसे अभी तक मरम्मत नही कराया जा सका। सरिया माइनर में सिल्ट जमा है, लेकिन उसकी अभी तक साफ- सफाई नही कराई जा सकी है। जुडुई नहर के पास टूटे तटबंध की मरम्मत कराई गई है, लेकिन वह भी पहली ही बारिश मे ध्वस्त हो गई। क्षेत्रीय किसानों का आरोप है कि अहरौरा जलाशय में सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी होने के बाद भी नहरों के तटबंध टूटने से बीच रास्ते मे ही पानी बर्बाद हो जा रहा है, जिससे क्षेत्र के किसानों के सामने सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गई है। तमाम शिकायतों को विभाग के अधिकारियों द्वारा अनसुना कर2 दिया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नहरों मे बलुई मिट्टी होने की वजह से तटबंध जल्द ही ध्वस्त हो जाते हैं। बोरी में बालू भर कर टूटे तटबंध की मरम्मत करा लिया जाता है। नहरों की सीमेंट व कंक्रीट की लाइनिंग कराने के बाद ही समस्या को दूर किया जा सकेगा। इस संबंध में सिंचाई विभाग के एक्सईएन आरके बर्न का कहना है कि बजट की कमी से नहरों के मरम्मत का काम अधूरा है शासन से बजट के लिये मांग किया गया है जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।