न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरनगर
Updated Thu, 26 Nov 2020 09:31 PM IST
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कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने शुक्रवार से प्रदेशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया है। किसान अपने जिलों में हाईवे पर जाम लगाएंगे। मुजफ्फरनगर जनपद में नावला कोठी पर किसान दिल्ली-दून हाईवे जाम करेंगे। यहां पर आगे आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान जब दिल्ली नहीं जा सकते, तो सरकार उन्हें इस्लामाबाद भेज दे।
कृषि कानून के विरोध में पंजाब और हरियाणा में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के सरकुलर रोड स्थित आवास पर पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस मौके पर विचार-विमर्श कर कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने की मांग को लेकर भाकियू द्वारा आंदोलन करने का निर्णय लिया गया, जिसमें शुक्रवार से प्रदेश भर में जिलों में किसानों द्वारा नेशनल हाईवे को जाम कर चक्का जाम करने का आह्वान किया गया।
राकेश टिकैत ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में किसान शुक्रवार को सड़कों पर उतर कर हाईवे जाम करेंगे। मुजफ्फरनगर में सुबह 11 बजे नावला कोठी पर किसान एकत्र होकर हाईवे जाम करेंगे। यहीं पर ही निर्णय लिया जाएगा कि चक्का जाम अनिश्चितकालीन रहेगा या किसानों का दिल्ली कूच होगा। किसानों से आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया गया है।
यह भी पढ़ें: यूपी: चलती बस में खौफनाक वारदात, कूदकर भागे बदमाश, यात्रियों में फैली दहशत, तस्वीरें
बैठक में राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसानों का दुर्भाग्य है कि आजाद देश में किसान अपनी राजधानी दिल्ली में अपना विरोध करने नहीं जा सकता है। देश का किसान दिल्ली नहीं जा सकता तो सरकार किसानों को इस्लामाबाद भेज दे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सर्दी में किसानों पर वाटर कैनन का प्रयोग किया गया है, वह दुखद है। आज किसान अपना हक कानून के रूप में मांग रहा है। अगर प्रधानमंत्री कहते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य रहेगा, तो कानून क्यों नहीं बनाते। पीएम की नोटबंदी से क्या कालाधन समाप्त हुआ या 15 करोड़ किसी को मिले। देश के किसान को अगर यह कानून मंजूर नहीं, तो सरकार कानून तुरंत वापस लेकर किसान हित में समर्थन मूल्य को कानून बनाए।
उन्होंने कहा इस बार किसान आरपार किए बिना वापस घर पर नहीं जाएंगे। शुक्रवार को किसान सड़कों पर उतर कर अपने जिलों में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करेंगे। बैठक में धर्मेंद्र मलिक, धीरज लाटियान, कुशलवीर, सतीश भारद्वाज, महकार सिंह, सहंसरपाल, शाहिद आलम, सतेंद्र प्रधान, कंवरपाल आदि मौजूद रहे।
सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता तैयारी
भाकियू के आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन ने भी अपनी तैयारी कर ली है। एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि नावला कोठी पर दो कंपनी पीएसी, जनपद का फोर्स तैनात रहेगा। कानून व्यवस्था का पालन कराया जाएगा। प्रयास रहेगा कि किसान शांतिपूर्वक आंदोलन करें।
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कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने शुक्रवार से प्रदेशव्यापी चक्का जाम का आह्वान किया है। किसान अपने जिलों में हाईवे पर जाम लगाएंगे। मुजफ्फरनगर जनपद में नावला कोठी पर किसान दिल्ली-दून हाईवे जाम करेंगे। यहां पर आगे आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान जब दिल्ली नहीं जा सकते, तो सरकार उन्हें इस्लामाबाद भेज दे।
कृषि कानून के विरोध में पंजाब और हरियाणा में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के सरकुलर रोड स्थित आवास पर पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस मौके पर विचार-विमर्श कर कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने की मांग को लेकर भाकियू द्वारा आंदोलन करने का निर्णय लिया गया, जिसमें शुक्रवार से प्रदेश भर में जिलों में किसानों द्वारा नेशनल हाईवे को जाम कर चक्का जाम करने का आह्वान किया गया।
राकेश टिकैत ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में किसान शुक्रवार को सड़कों पर उतर कर हाईवे जाम करेंगे। मुजफ्फरनगर में सुबह 11 बजे नावला कोठी पर किसान एकत्र होकर हाईवे जाम करेंगे। यहीं पर ही निर्णय लिया जाएगा कि चक्का जाम अनिश्चितकालीन रहेगा या किसानों का दिल्ली कूच होगा। किसानों से आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया गया है।
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बैठक में राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसानों का दुर्भाग्य है कि आजाद देश में किसान अपनी राजधानी दिल्ली में अपना विरोध करने नहीं जा सकता है। देश का किसान दिल्ली नहीं जा सकता तो सरकार किसानों को इस्लामाबाद भेज दे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सर्दी में किसानों पर वाटर कैनन का प्रयोग किया गया है, वह दुखद है। आज किसान अपना हक कानून के रूप में मांग रहा है। अगर प्रधानमंत्री कहते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य रहेगा, तो कानून क्यों नहीं बनाते। पीएम की नोटबंदी से क्या कालाधन समाप्त हुआ या 15 करोड़ किसी को मिले। देश के किसान को अगर यह कानून मंजूर नहीं, तो सरकार कानून तुरंत वापस लेकर किसान हित में समर्थन मूल्य को कानून बनाए।
उन्होंने कहा इस बार किसान आरपार किए बिना वापस घर पर नहीं जाएंगे। शुक्रवार को किसान सड़कों पर उतर कर अपने जिलों में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करेंगे। बैठक में धर्मेंद्र मलिक, धीरज लाटियान, कुशलवीर, सतीश भारद्वाज, महकार सिंह, सहंसरपाल, शाहिद आलम, सतेंद्र प्रधान, कंवरपाल आदि मौजूद रहे।
सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता तैयारी
भाकियू के आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन ने भी अपनी तैयारी कर ली है। एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि नावला कोठी पर दो कंपनी पीएसी, जनपद का फोर्स तैनात रहेगा। कानून व्यवस्था का पालन कराया जाएगा। प्रयास रहेगा कि किसान शांतिपूर्वक आंदोलन करें।
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