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मेरठ में कोरोना फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। नवंबर में रोजाना औसतन मिल रहे 160 मरीज दिवाली के बाद 188 से ज्यादा हो गए हैं। दिवाली के बाद नौ दिन में 1698 मरीज मिले हैं, जबकि 20 की मौत हुई है। इससे पहले सिर्फ सितंबर में सर्वाधिक 174 मरीज मिलने का औसत था। मार्च से अब तक किसी भी महीने में औसतन 150 से ज्यादा मरीज नहीं मिले हैं।
मेरठ में पहला मरीज 27 मार्च को मिला था। पहल मौत एक अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में हुई थी। मार्च में रोजाना मरीज मिलने का औसत 0.61 प्रतिशत था।
यह आंकड़ा अप्रैल में 2.83 प्रतिशत, मई में 10.58 प्रतिशत, जून में 18.93 प्रतिशत, जुलाई में 36.61 प्रतिशत रहा, जबकि अगस्त में यह बढ़कर 61.64 प्रतिशत हो गई थी। जिले में अब तक कोरोना से मृत्यु दर 2.47 प्रतिशत है। इससे ज्यादा मृत्युदर भी सिर्फ सितंबर में रही, जो 3.6 प्रतिशत थी।
माह मरीज मौत
मार्च 19 00
अप्रैल 85 06
मई 328 21
जून 568 43
जुलाई 1135 19
अगस्त 1912 30
सितंबर 5241 108
अक्तूबर 3543 72
नवंबर 3667 57
(नोट: नवंबर के आंकड़े 23 तारीख तक के हैं।)
संक्रमित के संपर्क वाले 30 लोगों की जांच का लक्ष्य
कोरोना की लहर रोकने के लिए मरीज के 30 संपर्क वालों तक पहुंचने का लक्ष्य है। अब तक कोरोना के संपर्क वाले 12 से 13 मरीज की जांच का औसत है। जिला सर्विलांस अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि कई जिलों में मरीज और मृत्युदर कम करने के लिए यह रणनीति अपनाई गई है, जो कारगर साबित हुई है। इसी तरह से यहां कांटेक्ट ट्रेसिंग करने की कोशिश की जा रही है।
बरतें सावधानियां
- अपने हाथ बार-बार मुंह, नाक व आंख पर नहीं लगाएं
- मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
- खुद डॉक्टर न बनें, बीमार हों तो जांच जरूर कराएं
एहतियात बरतें
लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरह से नहीं कर रहे हैं। मौसम में बदलाव भी फिर से कोरोना के मरीजों के बढ़ने का कारण है। अब ज्यादा एहतियात बरत कर ही कोरोना पर अंकुश लगाया जा सकता है। - डॉ. राजकुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
कई दिन तक जिंदा रह सकता है कोरोना
मेडिकल की माइक्रोबायोलॉजी लैब के प्रभारी डॉ. अमित गर्ग बताते हैं कि कोरोना वायरस शरीर से बाहर कई दिन तक जिंदा रह सकता है, मेटल पर ये करीब 12 घंटे तक जिंदा रह सकता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, स्किन पर ये वायरस महज 10 मिनट ही जिंदा रह पाता है। ऐसे में किसी मेटल या संक्रमित चीज को छूने के बाद अच्छे से हाथ धोकर इसे बच सकते हैं।
307 का चालान, 5 मुकदमे
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब पुलिस भीड़भाड़ वालों स्थानों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी करेगी। देखा जाएगा कि किन इलाकों में सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है। एसएसपी ने बताया कि यह अभियान एक माह चलेगा। मंगलवार को 307 लोगों के चालान कर जुर्माना वसूला गया। सोशल डिस्टेंस का पालन न करने पर 5 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
सार
- 188 से ज्यादा मरीज मिल रहे रोजाना दिवाली के बाद से
- 160 मरीज प्रतिदिन मिले थे नवंबर में दिवाली से पहले
विस्तार
मेरठ में कोरोना फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। नवंबर में रोजाना औसतन मिल रहे 160 मरीज दिवाली के बाद 188 से ज्यादा हो गए हैं। दिवाली के बाद नौ दिन में 1698 मरीज मिले हैं, जबकि 20 की मौत हुई है। इससे पहले सिर्फ सितंबर में सर्वाधिक 174 मरीज मिलने का औसत था। मार्च से अब तक किसी भी महीने में औसतन 150 से ज्यादा मरीज नहीं मिले हैं।
मेरठ में पहला मरीज 27 मार्च को मिला था। पहल मौत एक अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में हुई थी। मार्च में रोजाना मरीज मिलने का औसत 0.61 प्रतिशत था।
यह आंकड़ा अप्रैल में 2.83 प्रतिशत, मई में 10.58 प्रतिशत, जून में 18.93 प्रतिशत, जुलाई में 36.61 प्रतिशत रहा, जबकि अगस्त में यह बढ़कर 61.64 प्रतिशत हो गई थी। जिले में अब तक कोरोना से मृत्यु दर 2.47 प्रतिशत है। इससे ज्यादा मृत्युदर भी सिर्फ सितंबर में रही, जो 3.6 प्रतिशत थी।
माह मरीज मौत
मार्च 19 00
अप्रैल 85 06
मई 328 21
जून 568 43
जुलाई 1135 19
अगस्त 1912 30
सितंबर 5241 108
अक्तूबर 3543 72
नवंबर 3667 57
(नोट: नवंबर के आंकड़े 23 तारीख तक के हैं।)
संक्रमित के संपर्क वाले 30 लोगों की जांच का लक्ष्य
कोरोना की लहर रोकने के लिए मरीज के 30 संपर्क वालों तक पहुंचने का लक्ष्य है। अब तक कोरोना के संपर्क वाले 12 से 13 मरीज की जांच का औसत है। जिला सर्विलांस अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि कई जिलों में मरीज और मृत्युदर कम करने के लिए यह रणनीति अपनाई गई है, जो कारगर साबित हुई है। इसी तरह से यहां कांटेक्ट ट्रेसिंग करने की कोशिश की जा रही है।
बरतें सावधानियां
- अपने हाथ बार-बार मुंह, नाक व आंख पर नहीं लगाएं
- मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
- खुद डॉक्टर न बनें, बीमार हों तो जांच जरूर कराएं
एहतियात बरतें
लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरह से नहीं कर रहे हैं। मौसम में बदलाव भी फिर से कोरोना के मरीजों के बढ़ने का कारण है। अब ज्यादा एहतियात बरत कर ही कोरोना पर अंकुश लगाया जा सकता है। - डॉ. राजकुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
कई दिन तक जिंदा रह सकता है कोरोना
मेडिकल की माइक्रोबायोलॉजी लैब के प्रभारी डॉ. अमित गर्ग बताते हैं कि कोरोना वायरस शरीर से बाहर कई दिन तक जिंदा रह सकता है, मेटल पर ये करीब 12 घंटे तक जिंदा रह सकता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, स्किन पर ये वायरस महज 10 मिनट ही जिंदा रह पाता है। ऐसे में किसी मेटल या संक्रमित चीज को छूने के बाद अच्छे से हाथ धोकर इसे बच सकते हैं।
307 का चालान, 5 मुकदमे
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब पुलिस भीड़भाड़ वालों स्थानों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी करेगी। देखा जाएगा कि किन इलाकों में सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है। एसएसपी ने बताया कि यह अभियान एक माह चलेगा। मंगलवार को 307 लोगों के चालान कर जुर्माना वसूला गया। सोशल डिस्टेंस का पालन न करने पर 5 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।