न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ
Updated Wed, 25 Nov 2020 04:33 PM IST
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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से प्रभावित हुए 25 गांवों के किसानों ने कमिश्नर के एक महीने के आश्वासन पर 44 दिन से चल रहे धरने को खत्म कर दिया है। मोदीनगर तहसील में एक समान मुआवजे की मांग को लेकर किसान धरना दे रहे थे। रात-दिन धरना चले धरने में कई राजनैतिक पार्टियों के नेताओं ने भी समर्थन किया। अब एक्सप्रेसवे का कार्य बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के दिसंबर-2020 के लक्ष्य देने के बाद एनएचएआई कार्य को तेजी से करने में लगा है। पिछले एक महीने में निर्माणाधीन कंपनी जीआर इंफ्रा और एनएचएआई इंजीनियर दिन-रात एक हुए हैं। जिससे कार्य को तय लक्ष्य पर ही समाप्त किया जा सके। किसान कल्याण समिति के बैनर तले धरना चल रहा था।
इस धरने में मेरठ की सीमा के पांच गांव भी शामिल थे। ये सभी किसान एक्सप्रेसवे के पास से सर्विस मार्ग सहित अन्य कार्यों की मांग कर रहे थे। हालांकि, किसानों का अभी भी कहना है कि अगर एक महीने में एक समान मुआवजे का मामला हल नहीं किया गया तो फिर आंदोलन किया जाएगा।
36 दिन में काम होना है पूरा
एक महीने के किसानों द्वारा आश्वासन मानने के बाद अब एक्सप्रेसवे निर्माण की हर बाधा दूर हो गई है। अब कोई भी समस्या एक्सप्रेसवे निर्माण में नहीं है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले 30 दिन में दिन-रात कार्य के साथ दिल्ली से मेरठ की दूरी मात्र एक घंटे में पूरी हो जाएगी।
पतापुर तिराहे पर लगी आरई वाल, रूट बदलेगा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे स्थित परतापुर तिराहे का एक बार फिर एनएचएआई रूट बदलने की तैयारी में है। जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के इंजीनियरों ने मंगलवार से तिराहे की ओर परतापुर फ्लाईओवर तक आरई वाल लगानी शुरू कर दी। जिससे रूट बदला जाएगा। परतापुर तिराहा स्थित ट्रैफिक पुलिस चेकपोस्ट वाले स्थान को मंगलवार से जीआर इंफ्रा ने ध्वस्त करना शुरू कर दिया।
यहीं से अब देहरादून से मेरठ और दिल्ली जाने वाले वाहनों को पुलिस चेकपोस्ट के सामने से होकर निकलना होगा। पुराने रूट को बंद कर दिया जाएगा, इसके अलावा एक्सप्रेस वे ओवरब्रिज के बीच में डिवाइडर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया। एनएचएआई इंजीनियरों का कहना है कि 20 दिन में मिट्टी भराव का कार्य पूरा कर एक्सप्रेस वे पर डामर बिछा दिया जाएगा।
सार
- एकसमान मुआवजे के लिए 44 दिन तक चला धरना समाप्त
- 25 गांवों के किसान मोदीनगर तहसील में दे रहे थे धरना
- कमिश्नर ने एक महीने का दिया है किसानों को आश्वासन
विस्तार
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से प्रभावित हुए 25 गांवों के किसानों ने कमिश्नर के एक महीने के आश्वासन पर 44 दिन से चल रहे धरने को खत्म कर दिया है। मोदीनगर तहसील में एक समान मुआवजे की मांग को लेकर किसान धरना दे रहे थे। रात-दिन धरना चले धरने में कई राजनैतिक पार्टियों के नेताओं ने भी समर्थन किया। अब एक्सप्रेसवे का कार्य बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के दिसंबर-2020 के लक्ष्य देने के बाद एनएचएआई कार्य को तेजी से करने में लगा है। पिछले एक महीने में निर्माणाधीन कंपनी जीआर इंफ्रा और एनएचएआई इंजीनियर दिन-रात एक हुए हैं। जिससे कार्य को तय लक्ष्य पर ही समाप्त किया जा सके। किसान कल्याण समिति के बैनर तले धरना चल रहा था।
इस धरने में मेरठ की सीमा के पांच गांव भी शामिल थे। ये सभी किसान एक्सप्रेसवे के पास से सर्विस मार्ग सहित अन्य कार्यों की मांग कर रहे थे। हालांकि, किसानों का अभी भी कहना है कि अगर एक महीने में एक समान मुआवजे का मामला हल नहीं किया गया तो फिर आंदोलन किया जाएगा।
36 दिन में काम होना है पूरा
एक महीने के किसानों द्वारा आश्वासन मानने के बाद अब एक्सप्रेसवे निर्माण की हर बाधा दूर हो गई है। अब कोई भी समस्या एक्सप्रेसवे निर्माण में नहीं है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले 30 दिन में दिन-रात कार्य के साथ दिल्ली से मेरठ की दूरी मात्र एक घंटे में पूरी हो जाएगी।
पतापुर तिराहे पर लगी आरई वाल, रूट बदलेगा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे स्थित परतापुर तिराहे का एक बार फिर एनएचएआई रूट बदलने की तैयारी में है। जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के इंजीनियरों ने मंगलवार से तिराहे की ओर परतापुर फ्लाईओवर तक आरई वाल लगानी शुरू कर दी। जिससे रूट बदला जाएगा। परतापुर तिराहा स्थित ट्रैफिक पुलिस चेकपोस्ट वाले स्थान को मंगलवार से जीआर इंफ्रा ने ध्वस्त करना शुरू कर दिया।
यहीं से अब देहरादून से मेरठ और दिल्ली जाने वाले वाहनों को पुलिस चेकपोस्ट के सामने से होकर निकलना होगा। पुराने रूट को बंद कर दिया जाएगा, इसके अलावा एक्सप्रेस वे ओवरब्रिज के बीच में डिवाइडर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया। एनएचएआई इंजीनियरों का कहना है कि 20 दिन में मिट्टी भराव का कार्य पूरा कर एक्सप्रेस वे पर डामर बिछा दिया जाएगा।