- नौचंदी पुलिस का कारनामा, कैसे होगी कार्रवाई
- अतुल प्रधान को छोड़ने के पीछे क्या मामला है
अमर उजाला ब्यूरो
मेरठ। रेल रोको आंदोलन के लिए निकले सपा नेता अतुल प्रधान को नौचंदी पुलिस ने हिरासत में लिया और महज एक घंटा बाद ही छोड़ दिया। इस दौरान थाने में अतुल प्रधान की मेहमाननवाजी भी खूब हुई। जबकि अतुल को सिविल लाइन थाने का नामजद आरोपी बताया गया। पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।
कमिश्नरी चौराहे पर सपा नेता अतुल प्रधान, जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह व उनके कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंककर हंगामा किया था। जिसमें अतुल प्रधान, राजपाल सिंह समेत सपा के आठ नेताओं के खिलाफ मंगलवार को सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। बुधवार को अतुल प्रधान कार्यकर्ताओं समेत गुर्जर आंदोलन के लिए सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकने जा रहे थे। लेकिन नौचंदी पुलिस अतुल प्रधान समेत उनके चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर थाने ले आयी। हैरत की बात है कि पुलिस ने उनके खिलाफ कोई भी केस दर्ज नहीं किया, बल्कि करीब एक घंटे तक थाने में खातिरदारी की गई। चाय के साथ समोसे की भी व्यवस्था थी। उसके बाद ज्ञापन लेकर पुलिस ने छोड़ा। जबकि अतुल प्रधान के खिलाफ सिविल लाइन थाने में नामजद मुकदमा दर्ज है।
पुलिस को सूचना दी थी
सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र सिंह और सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला ने बताया है कि अतुल प्रधान हिरासत में है, इसकी सूचना सिविल लाइन थाने को दी थी। लेकिन थाना पुलिस वहां पर नहीं पहुंची। सपा नेता अतुल प्रधान ट्रेन रोकने जा रहा था, उसको रोककर थाने में बैठाया गया। बाद में छोड़ दिया गया। मेहमाननवाजी की बात गलत है।