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मेरठ। जूनियर महिला डॉक्टर से मारपीट के आरोपी ईएमओ डॉ. सचिन को बचाया जा रहा है। वहीं एडीजी द्वारा बैठाई जांच भी सुस्त है। यह आरोप पीड़ित महिला डॉक्टर ने लगाया है। उधर, मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सोमवार को पीड़ित के परिजनों की मौजूदगी में उसका सामान फ्लैट से पीजी गर्ल्स हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया है।
पुलिस निदेशक से की शिकायत में महिला डॉक्टर ने बताया कि बीती 7 व 8 मार्च की मध्य रात्रि ईएमओ डॉ. सचिन उसके फ्लैट डी-43 पर पहुंचा और उससे दो घंटे तक लात-घूंसों से मारपीट की। उसने धमकी दी कि शादी न करने पर उसके चेहरे पर तेजाब डाल देगा। उधर, पुलिस महानिदेशक ने डीएम को 28 मार्च तक मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। वहीं डीएम ने सीएमएस मेडिकल कॉलेज से जवाब मांगा है, लेकिन जांच अभी तक अटकी है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि दोनों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। वहीं पीड़ित का कहना है कि उसकी मनोदशा ठीक नहीं है। बलरामपुर मेडिकल कॉलेज से इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने बेड रेस्ट की सलाह दी है।
कार्रवाई के नाम पर लीपापोती?
पीड़ित का आरोप है कि डॉ. सचिन के ऊपर कार्रवाई की मांग को लेकर वह डीजी चिकित्सा शिक्षा से मिली थी। उन्होंने कहा कि डॉ. सचिन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में सेवारत है। इसलिए कार्रवाई वहीं से होनी है। इसके बाद पीड़ित ने डीजी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से शिकायत की, जिस पर उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज उन्हें मामले की रिपोर्ट भेजेगा है तो विभाग कार्रवाई करेगा। उधर, प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता का कहना है कि फैक्स नहीं हो पाया था तो इसलिए डीजी स्वास्थ्य एवं परिवार को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजकर अवगत कराया है।
मेरठ। जूनियर महिला डॉक्टर से मारपीट के आरोपी ईएमओ डॉ. सचिन को बचाया जा रहा है। वहीं एडीजी द्वारा बैठाई जांच भी सुस्त है। यह आरोप पीड़ित महिला डॉक्टर ने लगाया है। उधर, मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सोमवार को पीड़ित के परिजनों की मौजूदगी में उसका सामान फ्लैट से पीजी गर्ल्स हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया है।
पुलिस निदेशक से की शिकायत में महिला डॉक्टर ने बताया कि बीती 7 व 8 मार्च की मध्य रात्रि ईएमओ डॉ. सचिन उसके फ्लैट डी-43 पर पहुंचा और उससे दो घंटे तक लात-घूंसों से मारपीट की। उसने धमकी दी कि शादी न करने पर उसके चेहरे पर तेजाब डाल देगा। उधर, पुलिस महानिदेशक ने डीएम को 28 मार्च तक मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। वहीं डीएम ने सीएमएस मेडिकल कॉलेज से जवाब मांगा है, लेकिन जांच अभी तक अटकी है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि दोनों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। वहीं पीड़ित का कहना है कि उसकी मनोदशा ठीक नहीं है। बलरामपुर मेडिकल कॉलेज से इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने बेड रेस्ट की सलाह दी है।
कार्रवाई के नाम पर लीपापोती?
पीड़ित का आरोप है कि डॉ. सचिन के ऊपर कार्रवाई की मांग को लेकर वह डीजी चिकित्सा शिक्षा से मिली थी। उन्होंने कहा कि डॉ. सचिन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में सेवारत है। इसलिए कार्रवाई वहीं से होनी है। इसके बाद पीड़ित ने डीजी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से शिकायत की, जिस पर उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज उन्हें मामले की रिपोर्ट भेजेगा है तो विभाग कार्रवाई करेगा। उधर, प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता का कहना है कि फैक्स नहीं हो पाया था तो इसलिए डीजी स्वास्थ्य एवं परिवार को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजकर अवगत कराया है।