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मेरठ। बहुत कम लोग जानते होंगे कि महात्मा गांधी सिर्फ मेरठ शहर ही नहीं यहां के गांवों में भी स्वराज आंदोलन के प्रचार के लिए घूमे थे। 1929 में मेरठवासियों ने आंदोलन के लिए उन्हें 36 हजार रुपये भेंट किए थे।
गांधीजी दो बार मेरठ आए। पहली बार 1920 ई. में। तब उन्होंने एक ही दिन में पांच सभाएं संबोधित की थी। डीएन कॉलेज, घंटाघर, सदर सनातन धर्म हॉल, जिमखाना मैदान और मेरठ कॉलेज में। उनके स्वागत जुलूस में नारा गूंजा था कि जिस दम बुलंद होगा कौमी निशां हमारा...। दूसरी बार 27 अक्तूबर 1929 को बापू मेरठ आए और पांच दिन रुके। उस दौरान कई गांवों में उनकी जनसभाएं हुई थी। इतिहासकार डॉ. केडी शर्मा कहते हैं कि उस दौरान वे मेरठ षडयंत्र केस में फंसाए गए क्रांतिकारियों से मिलने मेरठ जेल भी गए थे। उन्होंने जेल में उनसे वादा किया था कि यदि इस साल वे रिहा नहीं किए जाते हैं तो अगले साल की शुरूआत में वे दोबारा आएंगे। इसका उल्लेख यूपी पुलिस सीक्रेट और खुफिया विभाग के रिकार्ड में मिलता है।
राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि तब गांधीजी को पूर्ण स्वराज आंदोलन के लिए 36 हजार रुपये मिले थे। सनातन धर्म हॉल, सदर में हुई सभा में महिला सभा ने उन्हें एक हजार रुपये भेंट किए थे। असौड़ा में नारायण सिंह ने दो हजार रुपये की थैली भेंट की थी। बड़ौत में नगरपालिका चेयरमैन कांता प्रसाद ने 1078 रुपये, मवाना में ग्यारह सौ रुपये आदि। इस तरह विभिन्न सभाओं में उन्हें भेंट की राशि 36 हजार चौ सौ रुपये से अधिक थी। संग्रहालयाध्यक्ष मनोज कुमार गौतम बताते हैं कि मेरठ कॉलेज के छात्रों पर उनकी यात्रा का जबरदस्त प्रभाव पड़ा था। लाहौर अधिवेशन में मेरठ कॉलेज से चालीस छात्र गए थे। एक बस गांधी आश्रम से भी गई थी।
(नोट : गांधीजी की यात्राओं का जिक्र यूपी पुलिस खुफिया विभाग की सूची 27 नवंबर 1929 पैरा 681, और यूपी पुलिस सीक्रेट डिपार्टमेंट प्रोसिडिंग्स दो नवंबर 1929 पैरा 68 डी, नौ नवंबर पैरा 696 बी, 694 और 696 बी में मिला है।)
22 जनवरी 1920 को यहां गए
- देवनागिरी स्कूल में एक सभा को संबोधित किया
- कंबोह गेट (घंटाघर) पर नगरपालिका की तरफ से मोहम्मद यामीन ने सम्मानित किया
- साढ़े बारह बजे वेस्ट एंड रोड स्थित मुस्तफा कैसल में इस्माईल खां बैरिस्टर के यहां भोजन
- ढाई बजे सनातन धर्म हॉल, सदर में स्त्री सभा का संबोधन
- इसके बाद बर्फखाना (जिमखाना) मैदान में सभा
- मेरठ कॉलेज में छात्रों की सभा
1929 में यहां गए थे
- 27 अक्तूबर : मेरठ जेल गए, मेरठ षडयंत्र केस के विचाराधीन कैदियों से मुलाकात की।
- 28 अक्तूबर : जिमखाना मैदान में सभा हुई।
- 29 अक्तूबर : सरधना निवाड़ी, असौड़ा, पिलखुवा
- 30 अक्तूबर - हापुड़, पांची, कैली, खरखौदा, फलावद, मवाना
- 31 अक्तूबर - जानी, पिलानी, खेकड़ा, डोला, बागपत, बड़ौत a1 नवंबर - अछरौंडा, बेगमाबाद (मोदीनगर), मुरादनगर, गाजियाबाद
मेरठ। बहुत कम लोग जानते होंगे कि महात्मा गांधी सिर्फ मेरठ शहर ही नहीं यहां के गांवों में भी स्वराज आंदोलन के प्रचार के लिए घूमे थे। 1929 में मेरठवासियों ने आंदोलन के लिए उन्हें 36 हजार रुपये भेंट किए थे।
गांधीजी दो बार मेरठ आए। पहली बार 1920 ई. में। तब उन्होंने एक ही दिन में पांच सभाएं संबोधित की थी। डीएन कॉलेज, घंटाघर, सदर सनातन धर्म हॉल, जिमखाना मैदान और मेरठ कॉलेज में। उनके स्वागत जुलूस में नारा गूंजा था कि जिस दम बुलंद होगा कौमी निशां हमारा...। दूसरी बार 27 अक्तूबर 1929 को बापू मेरठ आए और पांच दिन रुके। उस दौरान कई गांवों में उनकी जनसभाएं हुई थी। इतिहासकार डॉ. केडी शर्मा कहते हैं कि उस दौरान वे मेरठ षडयंत्र केस में फंसाए गए क्रांतिकारियों से मिलने मेरठ जेल भी गए थे। उन्होंने जेल में उनसे वादा किया था कि यदि इस साल वे रिहा नहीं किए जाते हैं तो अगले साल की शुरूआत में वे दोबारा आएंगे। इसका उल्लेख यूपी पुलिस सीक्रेट और खुफिया विभाग के रिकार्ड में मिलता है।
राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि तब गांधीजी को पूर्ण स्वराज आंदोलन के लिए 36 हजार रुपये मिले थे। सनातन धर्म हॉल, सदर में हुई सभा में महिला सभा ने उन्हें एक हजार रुपये भेंट किए थे। असौड़ा में नारायण सिंह ने दो हजार रुपये की थैली भेंट की थी। बड़ौत में नगरपालिका चेयरमैन कांता प्रसाद ने 1078 रुपये, मवाना में ग्यारह सौ रुपये आदि। इस तरह विभिन्न सभाओं में उन्हें भेंट की राशि 36 हजार चौ सौ रुपये से अधिक थी। संग्रहालयाध्यक्ष मनोज कुमार गौतम बताते हैं कि मेरठ कॉलेज के छात्रों पर उनकी यात्रा का जबरदस्त प्रभाव पड़ा था। लाहौर अधिवेशन में मेरठ कॉलेज से चालीस छात्र गए थे। एक बस गांधी आश्रम से भी गई थी।
(नोट : गांधीजी की यात्राओं का जिक्र यूपी पुलिस खुफिया विभाग की सूची 27 नवंबर 1929 पैरा 681, और यूपी पुलिस सीक्रेट डिपार्टमेंट प्रोसिडिंग्स दो नवंबर 1929 पैरा 68 डी, नौ नवंबर पैरा 696 बी, 694 और 696 बी में मिला है।)
22 जनवरी 1920 को यहां गए
- देवनागिरी स्कूल में एक सभा को संबोधित किया
- कंबोह गेट (घंटाघर) पर नगरपालिका की तरफ से मोहम्मद यामीन ने सम्मानित किया
- साढ़े बारह बजे वेस्ट एंड रोड स्थित मुस्तफा कैसल में इस्माईल खां बैरिस्टर के यहां भोजन
- ढाई बजे सनातन धर्म हॉल, सदर में स्त्री सभा का संबोधन
- इसके बाद बर्फखाना (जिमखाना) मैदान में सभा
- मेरठ कॉलेज में छात्रों की सभा
1929 में यहां गए थे
- 27 अक्तूबर : मेरठ जेल गए, मेरठ षडयंत्र केस के विचाराधीन कैदियों से मुलाकात की।
- 28 अक्तूबर : जिमखाना मैदान में सभा हुई।
- 29 अक्तूबर : सरधना निवाड़ी, असौड़ा, पिलखुवा
- 30 अक्तूबर - हापुड़, पांची, कैली, खरखौदा, फलावद, मवाना
- 31 अक्तूबर - जानी, पिलानी, खेकड़ा, डोला, बागपत, बड़ौत a1 नवंबर - अछरौंडा, बेगमाबाद (मोदीनगर), मुरादनगर, गाजियाबाद