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d अमर उजाला ब्यूरो
केस 1 - गंगानगर की 12वीं की छात्रा का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है। वह पिता का ट्रांसफर होने से बदले माहौल को स्वीकार नहीं कर पाई। कक्षा 11 में अंक कम आए, तो माता-पिता ने काउंसिलिंग कराई। काउंसिलिंग में पता चला कि उसे लगता है कि वह बीमार है और अब पढ़ नहीं सकेगी।
केस 2 - कंकरखेड़ा निवासी कक्षा 12 का छात्र, जिसकी समस्या थी कि वह जब भी पढ़ने बैठता है, उसकी गलफ्रेंड का फोन आ जाता है। ऐसे में पढ़ाई नहीं हो पाती है और पूरा दिन निकल जाता है। इससे परीक्षा की तैयारी नहीं हो पा रही है।
केस 3 - मेडिकल के निकट रहने वाले कक्षा 10 के छात्र की समस्या है कि पढ़ने बैठते ही नींद आने लगती है और पढ़ाई से बोरियत होती है। पढ़ाई में मन नहीं है।
समाधान - केस 1 के लिए डॉ. पूनम देवदत्त का कहना है कि छात्र को हर स्थिति में पढ़ाई का लक्ष्य साधना होगा। इसके बगैर सफलता नहीं मिलेगी। यदि अच्छे अंक आएंगे, तो जीवन में हर खुशी मिलेगी। हर माहौल में पॉजीटिव सोचें। केस 2 के लिए आप यह ठान लें कि अभी पढ़ना है। गर्लफ्रेंड को समझाएं कि पढ़ाई के समय पढ़ाई ही होनी चाहिए। केस 3 के लिए पढ़ते समय नींद आने की स्थिति में थोड़ा टहल लें या फिर ड्राई फ्रूट आदि खा लें।
समस्या का समाधान जल्द
1 फरवरी से 17 अप्रैल तक सीबीएसई काउंसलर व मनोवैज्ञानिक डॉ. पूनम देवदत्त शाम चार से आठ बजे तक अपने मोबाइल नंबर 9837159564 पर आपकी समस्याओं का समाधान करने के लिए मौजूद रहेंगी। डॉ. पूनम सीबीएसई बोर्ड एग्जाम की काउंसलर हैं।