जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर ने जाली नोटों के साथ पकड़े गए तीन आरोपियों में से दो को दोषी पाते हुए 3-3 वर्ष की सजा के साथ ही 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड निर्धारित किया। अर्थदंड न देने पर 15-15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। एक आरोपी शाहिद की मौत हो जाने के चलते उसके विरुद्ध मुकदमे की कार्यवाही समाप्त कर दी गई।
मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है। अभियोजन के अनुसार एसओजी प्रभारी रहे रामेश्वर पांडेय की तहरीर पर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई। इसमें मुंशीपुरा मोहल्ला निवासी शाहिद पुत्र मोहम्मद शरीफ, नुरुल इस्लाम उर्फ गुड्डू पुत्र इंद्रीश, शाहनवाज पुत्र अब्दुल अजीज को आरोपी बनाया गया।
वादी का कथन था कि रेलवे स्टेशन के पास स्थित पोस्ट ऑफिस के पास से आरोपियों को पकड़ा गया। आरोपी शाहिद के पास से 25000 के नुरुल इस्लाम उर्फ गुड्डू और शहनवाज के पास से 10-10 हजार रुपये के जाली नोट बरामद हुए। वादी के तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर बाद विवेचना आरोप कोर्ट में प्रेषित किया।
कोर्ट में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए प्रभारी डीजीसी फौजदारी मणि बहादुर सिंह और एडीजीसी फौजदारी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कुल 4 गवाहों को पेश कर अपना पक्ष रखा। बचाव पक्ष से कहा गया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। जिला जज ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद फैसला सुनाया।
आरोपियों नुरुल इस्लाम उर्फ गुड्डू और शाहनवाज को दोषी पाते हुए 3-3 वर्ष की सजा के साथ ही 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड न देने पर 15-15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। आरोपी शाहिद की दौरान विचारण मौत होने के चलते उसके विरुद्ध मुकदमे की सुनवाई समाप्त कर दी गई।