मऊ। नगर निकायों के चुनाव के लिए पुनरीक्षित मतदाता सूची में बड़बड़ियों की भरमार है। कहीं एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम गायब हैं तो कहीं कई परिवारों के नाम तीन-तीन पर छप गए हैं। परिवार के मुखिया तक के नाम शामिल नहीं किए गए हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर युद्ध स्तर पर निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन की तिथि 18 नवंबर नियत थी। जैसे तैसे प्रकाशन तो कर दिया गया लेकिन मतदाताओं की परिवर्धन और अपमार्जन सूचियों में भारी गलतियां आ रही हैं। एक ही परिवार के कई लोगों के नाम सूची में अंकित ही नहीं किए गए हैं जबकि एक परिवार के कई मतदाताओं के नाम दो अथवा तीन बार छाप दिए गए हैं। कई परिवारों के मुखियाओं के नाम ही नहीं शामिल किए गए हैं। कई लोगों के नाम त्रुटिपूर्ण हैं। पांडुलिपियों को तैयार करने के बाद मतदाताओं के नाम जोड़ने का कार्य निजी संस्थाओं को दिए गए हैं। इस सस्था ने जिन युवाओं को यह काम सौंपा है उन लोगों ने नाम जोड़ने अथवा हटाने में भारी गलतियां कर दी हैं। उधर, निर्वाचन आयोग की निर्धारित तिथि और समय तक पुनरीक्षित मतदाता सूची का कार्य पूरा न कर पाने संशोधित सूची पूरी तरह से अपलोड नहीं हो पाई और आयोग की वेबसाइट बंद हो गई। रविवार को विकास भवन स्थित निर्वाचन कार्यालय के सामने सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी मातहतों संग पांडुलिपियों का मिलान कराते नजर आए। नगर पंचायत मुहम्मदाबाद गोहना के मतदाताओं की सूची आने में काफी विलंब हुई। अब पांडुलिपियों के आधार पर नाम पूरक सूची में जोड़े अथवा हटाए जाएंगे। निर्वाचन आयोग ने छूटे मतदाताओं के नाम जोड़ने का एक मौका और देने का निर्देश दिया है।