रतनपुरा। विद्युत उपकेंद्र में आए दिन तकनीकी गड़बड़ी तथा अघोषित बिजली कटौती से क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। चौदह घंटे के सापेक्ष लगातार चार घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। सिंचाई के अभाव में गेहूं की फसल सूख रही है। परेशान लोगों ने आला अधिकारियों को अवगत कराया बावजूद आपूर्ति व्यवस्था मेें सुधार नहीं किया जा सका है। इससे लोग आक्रोशित हैं। रतनपुरा विद्युत उपकेंद्र से दर्जनों गांवों को आपूर्ति की जाती है। विद्युत उपकेंद्र्र में आए दिन खराबी और अघोषित कटौती से कृषि कार्य प्रभावित होने से किसानों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। किसानों की मानें तो देर रात में बिजली आ रही है और तीन बजे ही गुल हो जा रही है। दिन में भी अप डाउन होती रहती है। लगातार चार घंटे भी नहीं मिल पा रही है। शाम के समय बिजली न रहने से छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्र के परशुराम सिंह, दिनेेश्वर साहनी, बब्बन सिंह, बसीर अहमद, विरेंद्र सिंह और जितेंद्र राजभर ने कहा कि कम बिजली मिलने से सिंचाई का कार्य नहीं हो पा रहा है। बिजली की आंख मिचौली से एक बीघे खेत की सिंचाई करने में कई दिन लग जा रहा है। अधिक समय लगने से समय, पैसे दोनों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सिंचाई के अभाव में गेहूं की फसल चौपट होने के आसार नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति में सुधार अविलंब नहीं किया गया तो लोगों का गुस्सा कभी भी फूट सकता है। सुशील कुमार यादव, प्रभुनाथ प्रसाद, अशोक कुमार सिंह ने कहा कि शाम के समय बिजली गुल रहती है। ऐसे में बिजली न रहने से परीक्षा की तैयारी नहीं हो पा रही है। कहा कि मिट्टी के तेल की कालाबाजारी व्यापक पैमाने पर हो रही है। ऐसे में ऊंची कीमत पर किरासन तेल खरीदना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने छात्रों को मिट्टी का तेल देने की मांग की है।
रतनपुरा। विद्युत उपकेंद्र में आए दिन तकनीकी गड़बड़ी तथा अघोषित बिजली कटौती से क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। चौदह घंटे के सापेक्ष लगातार चार घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। सिंचाई के अभाव में गेहूं की फसल सूख रही है। परेशान लोगों ने आला अधिकारियों को अवगत कराया बावजूद आपूर्ति व्यवस्था मेें सुधार नहीं किया जा सका है। इससे लोग आक्रोशित हैं।
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रतनपुरा विद्युत उपकेंद्र से दर्जनों गांवों को आपूर्ति की जाती है। विद्युत उपकेंद्र्र में आए दिन खराबी और अघोषित कटौती से कृषि कार्य प्रभावित होने से किसानों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। किसानों की मानें तो देर रात में बिजली आ रही है और तीन बजे ही गुल हो जा रही है। दिन में भी अप डाउन होती रहती है। लगातार चार घंटे भी नहीं मिल पा रही है। शाम के समय बिजली न रहने से छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्र के परशुराम सिंह, दिनेेश्वर साहनी, बब्बन सिंह, बसीर अहमद, विरेंद्र सिंह और जितेंद्र राजभर ने कहा कि कम बिजली मिलने से सिंचाई का कार्य नहीं हो पा रहा है। बिजली की आंख मिचौली से एक बीघे खेत की सिंचाई करने में कई दिन लग जा रहा है। अधिक समय लगने से समय, पैसे दोनों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सिंचाई के अभाव में गेहूं की फसल चौपट होने के आसार नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति में सुधार अविलंब नहीं किया गया तो लोगों का गुस्सा कभी भी फूट सकता है। सुशील कुमार यादव, प्रभुनाथ प्रसाद, अशोक कुमार सिंह ने कहा कि शाम के समय बिजली गुल रहती है। ऐसे में बिजली न रहने से परीक्षा की तैयारी नहीं हो पा रही है। कहा कि मिट्टी के तेल की कालाबाजारी व्यापक पैमाने पर हो रही है। ऐसे में ऊंची कीमत पर किरासन तेल खरीदना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने छात्रों को मिट्टी का तेल देने की मांग की है।
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