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मऊ। दीवानी कचहरी के अधिवक्ता अफजल अली हत्याकांड की सीबीआई जांच के लिए सिविल कोर्ट सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका को याची की अनुपस्थिति में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अमरसरन और दिनेश गुप्ता की पीठ ने याचिका को खारिज कर दी। साथ ही आदेश में लिखा कि पक्षकार चाहे तो आदेश को रीकाल के लिए प्रार्थना पत्र दे सकते है।
दीवानी कचहरी के अधिवक्ता अफजल अली की गत नौ अक्तूबर 2012 को तहसील सदर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्यारोपियों की गिरफ्तारी और घटना का सही पर्दाफाश करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने एक माह तक हड़ताल किया। पुलिस ने घटना का पर्दाफाश कर आरोपियों को जेल भेजा। लेकिन पुलिस की कहानी से अधिवक्ता संतुष्ट नहीं हुए। मामले की सीबीआई जांच की मांग करते रहे। शासन से मांग पूरी होता न देख सिविल कोर्ट सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने याचिका में विपक्षीगण को नोटिस जारी कराते हुए अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। मामले में सुनवाई के लिए 17 जनवरी 2013 की तिथि नियत थी। लेकिन सुनवाई के समय याची की ओर से समय से कोर्ट में कोई उपस्थित नहीं हुआ। न्यायमूर्तिगण ने याचिका को खारिज कर दी। बार कौंसिल के सदस्य और अधिवक्ता अमरेंद्रनाथ सिंह ने बताया कि कोर्ट में समय से उपस्थित न होने पर याचिका में आदेश हो गया। उन्होंने बताया कि रिकाल के लिए उसी दिन प्रार्थना पत्र दे दिया गया है। सोमवार या मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है। मुझे यकीन है कि आदेश रिकाल हो जाएगा।
मऊ। दीवानी कचहरी के अधिवक्ता अफजल अली हत्याकांड की सीबीआई जांच के लिए सिविल कोर्ट सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका को याची की अनुपस्थिति में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अमरसरन और दिनेश गुप्ता की पीठ ने याचिका को खारिज कर दी। साथ ही आदेश में लिखा कि पक्षकार चाहे तो आदेश को रीकाल के लिए प्रार्थना पत्र दे सकते है।
दीवानी कचहरी के अधिवक्ता अफजल अली की गत नौ अक्तूबर 2012 को तहसील सदर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्यारोपियों की गिरफ्तारी और घटना का सही पर्दाफाश करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने एक माह तक हड़ताल किया। पुलिस ने घटना का पर्दाफाश कर आरोपियों को जेल भेजा। लेकिन पुलिस की कहानी से अधिवक्ता संतुष्ट नहीं हुए। मामले की सीबीआई जांच की मांग करते रहे। शासन से मांग पूरी होता न देख सिविल कोर्ट सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने याचिका में विपक्षीगण को नोटिस जारी कराते हुए अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। मामले में सुनवाई के लिए 17 जनवरी 2013 की तिथि नियत थी। लेकिन सुनवाई के समय याची की ओर से समय से कोर्ट में कोई उपस्थित नहीं हुआ। न्यायमूर्तिगण ने याचिका को खारिज कर दी। बार कौंसिल के सदस्य और अधिवक्ता अमरेंद्रनाथ सिंह ने बताया कि कोर्ट में समय से उपस्थित न होने पर याचिका में आदेश हो गया। उन्होंने बताया कि रिकाल के लिए उसी दिन प्रार्थना पत्र दे दिया गया है। सोमवार या मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है। मुझे यकीन है कि आदेश रिकाल हो जाएगा।