मऊ। राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्म जीव ब्यूरो के सभागार में ब्यूरो का स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर प्रभारी निदेशक डा. आलोक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि खरीफ में धान, गेहूं, मक्का व सब्जियों के उत्पादन में जैविक खेती का समावेश कर रसायनों का न्यूनतम प्रयोग करते हुए भी अच्छी उपज ली जा सकती है। इसके लिए उचित समय पर खेतों की तैयारी व राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्म जीव ब्यूरो द्वारा विकसित जैविक व वैज्ञानिक तकनीकियों का आधार बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के किसानों को आधुनिक जैविक खेती से परिचित कराने के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में ब्यूरो द्वारा कई प्रशिक्षण व प्रदर्शन कार्यक्रम चलाने की योजना है। क्षेत्र के किसानों को रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों के विकल्प व समेकित प्रबंधन की तकनीकी जानकारी दी जाएगी। इसी क्रम में डा. डीपी सिंह ने कृषि में मित्र सूक्ष्मजीवों की भूमिका व प्रयोगी संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में डा. अनुराग चौरसिया, संजय गोस्वामी, लालन शर्मा, दीपक नागराले ने जैविक खेती के द्वारा धान की अच्छी पैदावार लेने के गुर बताए। इसी तरह बीज अनुसंधान निदेशालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. टीएन तिवारी, डा. राजीव सिंह, डा. दिनेश सिंह ने बताया कि हमेशा प्रमाणित व उन्नत किस्म के बीज बोने चाहिए। सूखे में अच्छी उपज देने वाली कई किस्में उपलब्ध हैं। अंत में संजय गोस्वामी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।