मऊ। शासन की योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन हुआ तो अब शहरी इलाकों में आए दिन जर्जर तारों के टूटने तथा ट्रांसफार्मर के फुंकने सहित विभिन्न समस्याओं से लोगों को निजात मिल जाएगी। बिजली आपूर्ति व्यवस्था की दयनीय स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से पूरे प्रदेश के शहरी इलाकोें में बेहतर बिजली आपूर्ति व्यवस्था करने के लिए करोड़ों रुपये लागत के आरएपीजीआरपी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। मऊ जनपद के लिए 38.32 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। यह जिम्मेदारी निजी कंपनी एचसीएल को सौंपी गई है। डोर टू डोर सर्वे पूरा होने के बाद अब जिले में कार्य भी शुरू हो गया है।
जिले के शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था काफी चरमराई हुई है। एलटी लाइन में फाल्ट तथा ट्रांसफार्मरों के फुंकने से उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कम बिजली मिलने से साड़ी कारोबार सहित अन्य उद्योग अंतिम सांस गिन रहे हैं। उपभोक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने जनपद में 38.32 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। प्रोजेक्ट के तहत जर्जर तारों को बदलने, 100 केवीए तथा 250 केवीए का ट्रांसफार्मर नए लगाए जाएंगे। प्रोजेक्ट में शामिल क्षेत्रों पर नजर डाला जाए तो मऊ नगर के सभी मुहल्लों में 19 करोड़, मुहम्मदाबाद गोहना तथा खैराबाद तथा कोपागंज टाउन के लिए 13 करोड़ तथा घोसी टाउन के लिए 6.41 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। योजना के तहत धन भी आवंटित कर दिया गया है।
उप खंड अधिकारी घोसी की मानें तो कंपनी की ओर से घोसी कस्बे में कार्य शुरू कर दिया गया है। 13 कंप्यूटर भी लगा दिए गए हैं। कंपनी सारा कार्य हो जाने के बाद महकमे को हैंडओवर कर देगी। कुल मिलाकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ने मूर्त रूप लिया तो शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को व्यापक पैमाने पर फायदा मिलेगा। वहीं साड़ी उद्योग को नयी ऊंचाइयां छूने में मदद मिलेगी।