खुरहट। रानीपुर थाना क्षेत्र के बखरियां गांव निवासी कलावती पिछले कई साल से अपने नाम का ही इंदिरा आवास पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। इंदिरा आवास पर कब्जा होने को लेकर वह तीन बार धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर भी बैठ चुकी है। लेकिन प्रशासन भी इस मसले की गुत्थी कई वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं सुलझा सका है। मामला सीएम कार्यालय तक जा चुका है लेकिन न जाने किन पेंचों के चलते उसका अपना ही इंदिरा आवास उसे नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते वह एक ऐसे भवन में गुजर बसर कर रही है जो शायद ही यह बरसात झेल सके।
मुहम्मदाबाद गोहना तहसील क्षेत्र के रानीपुर ब्लाक के बखरियां गांव निवासी कलावती देवी पत्नी स्व. रामबली को वर्ष 2000-01 में इंदिरा आवास योजना का लाभ दिया गया था। इसकी बकायदा लाभार्थी के पास खंड विकास अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र भी है। कलावती देवी ने अपना इंदिरा आवास बनवाया भी लेकिन उसके आवास पर आज दूसरे का कब्जा है। अपने दो बेटे, अपनी बहु और पोते के साथ वह वह एक कच्चे और जर्जर मकान में गुजर बसर कर रही है। इसकी लड़ाई वह पिछले कई वर्षों से कर रही है। ब्लाक से लेकर तहसील पर जब उसे न्याय नहीं मिला तो वह कलेक्ट्रेट पहुंचकर भूख हड़ताल तक की। दो बार धरना-प्रदर्शन में पीडि़ता को आश्वासन भी दिया गया लेकिन उसका आरोप है कि पूर्ववर्ती सरकार में राजनीतिक दबाव के चलते अधिकारी मौके पर पहुंचते तो थे लेकिन बाद में मामले पर लीपापोती कर दी जाती थी। इसके बाद उसने भूख हड़ताल भी की लेकिन फिर भी महज आश्वासन के शिवाय उसे कुछ नहीं मिला। ब्लाक से लेकर कलेक्ट्रेट तक संघर्ष करने के बाद भी उसे जब न्याय नहीं मिला तो वह अपने इंदिरा आवास को पाने के लिए जनवरी वर्ष 2012 को मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर इसकी शिकायत की। मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी जांच केलिए आदेश भी मिला। जांच में चाहे जो कुछ भी हुआ हो लेकिन पीडि़ता का कहना है कि अभी तक उसका इंदिरा आवास उसे नहीं मिल सका। जिस मकान में वह रह रही है वह बरसात में ही गिर जाए तो कोई भरोसा नहीं है। इस संबंध में एसडीएम मुहम्मदाबाद गोहना का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई जांच के बाद उन्होंने मौके पर जाकर निरीक्षण किया था। लेकिन महिला अपना बयान नहीं दर्ज करा सकी। इंदिरा आवास का मामला बंटवारे की जमीन के चलते उलझा हुआ है। इस संबंध में जांच की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जा चुकी है।