मऊ। जिले में लापता लोगोें की खोजबीन पुलिस के फाइलों में धूल फांक रही है। अब यह कार्रवाई पुलिस के लिए महज औपचारिकता बनकर रह गई है। जबकि निठारी कांड के बाद से पुलिस महकमे में अलग से एक सेल की स्थापना करके कार्रवाई मेें तेजी लाने के लिए निर्देश दिए गए थे। डेढ़ साल से 30 लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। जबकि पुलिस 32 लोगों को बरामद करके हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए है।
निठारी कांड के बाद से शासन के पहल पर जिलों मेें अलग से गुमशुदगी सेल की स्थापना की गई थी। इसमें बकायदे सभी थानों मेें दर्ज होने वाली रिपोर्ट पर प्रत्येक माह समीक्षा की जाती थी। लेकिन जैसे-जैसे मामला ठंडा होता गया पुलिस भी शिथिल पड़ती गई। अब एक आरक्षी के भरोसे गुमशुदगी सेल चल रहा है। वर्ष 11 मेें नजर डाले तो कुल 34 मामले लापता होने के दर्ज हुए थे। जिसमें 21 लोगों को ही पुलिस बरामद कर पाई। 13 लोग बरामद नहीं हो सके हैं। इसी क्र म में वर्ष 12 में अब तक 28 लोग लापता हो गए हैं। जिसमें बड़ी मुश्किल से पुलिस 11 लोगों की बरामदगी कर पाई है। इस तरह से डेढ़ साल में कुल 62 मामले गुमशुदगी के दर्ज हुए। जिसमें से 32 लापता लोगों की ही बरामदगी पुलिस कर सकी है। 30 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।