दोहरीघाट। विभिन्न इलाकों में वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति महकमे के उपेक्षात्मक रवैये से पर्यावरणप्रेमी आहत महसूस कर रहे हैं। क्षेत्र के बुढावर गांव में सोमवार की शाम घायलावस्था में पड़ा हिरण मिला। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन अभी तक हिरण की सुधि लेने की जहमत तक नहीं उठाई गई है। ग्रामीण ही देखभाल कर रहे हैं। लोगों ने मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
बुढ़ावर गांव के चौहान बस्ती के समीप सीवान में काम कर रहे ग्रामीणों ने सोमवार को घायलावस्था में पड़ा हिरण का बच्चा दिखा। बुढावर गांव निवासी रामप्रवेश पुत्र हरिश्चंद्र हिरन को अपने घर लाया। किसी तरह से प्राथमिक उपचार किया। उसने मंगलवार की सुबह राजकीय पशु अस्पताल दोहरीघाट पर हिरण को लेकर पहुंचा, वहां पर पशु चिकित्सक व फार्मासिस्ट नदारद मिले। चपरासी ने ही उपचार किया। ग्रामीणों ने वन रेंज अधिकारी व कर्मचारियों को अवगत कराया, लेकिन तहसील दिवस की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने कर्तव्य से विमुख होते जा रहे हैं। यही हाल रहा तो कई प्रमुख वन्य जीव धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएंगे।