मऊ। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की रतनपुरा शाखा से एलआईसी क्लेम के चार चेक गायब हो गए । पिछले छह महीने से परेशान लोगों की शिकायत पर वाराणसी क्षेत्रीय बैंक प्रबंधक ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार को टीम ने बैंक में कई स्तरों से पड़ताल की।
रतनपुरा क्षेत्र के गाढ़ा गांव निवासी रीता वर्मा, छोटेलाल वर्मा, लालजी राम और सुखिया देवी को छह महीने पहले बलिया जिले की एलआईसी की रसड़ा शाखा से यूनियन बैंक आफ इंडिया रसड़ा के नाम से चेक जारी किए गए थे। एलआईसी धारकों को यह चेक डाक द्वारा क्रमश: छोटेलाल वर्मा को आठ हजार का चेक संख्या 053319, लालजी राम को 10 हजार का चेक संख्या 05266, श्रीमती रीता वर्मा का 1555 का चेक संख्या 053917 और सुखिया देवी को 56 हजार का चेक संख्या 052815 वर्ष 2011 दिसंबर माह में ही मिला था। चेक प्राप्त करने के बाद सभी ने उसे अपने नजदीकी बैंक की सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के खाते में जमा कर दिया। इसके बाद वह महीनों तक चक्कर लगाते रहे। चक्कर लगाने के बाद भी जब उनका चेक उनके खाते में नहीं जमा हुआ तो उन्होंने क्षेत्रीय प्रबंधक वाराणसी के यहां गुहार लगाई। जहां से जांच के लिए वरिष्ठ प्रबंधक भोला सिंह सेंट्रल बैंक आफ इंडिया रसड़ा को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच के लिए भेजा।
सोमवार को जांच अधिकारी के पहुंचने के बाद बैंक में हड़कंप मच गया। बैंक के कागजातों की खोजबीन हुई। जांच अधिकारी भोला सिंह ने बताया कि बैंक में चेक की रिसीविंग है। लेकिन यह पता नहीं लग पा रहा है कि आखिर चेक गए कहां। बताया कि हो सकता हो यह गड़बड़ी डाक की हो। इसके लिए उन्होंने पोस्ट आफिस को भी नोटिस देकर जवाब मांगा है। बताया कि चेक बीच से ही कहीं गायब हैं। इस संबंध में बैंक के प्रभारी मैनेजर शिवानंद ने किसी भी मामले में कुछ भी कहने से इनकार किया। बताया कि मैनेजर साहब ही इस संबंध में कुछ बता सकते हैं। इस संबंध में अग्रणी जिला प्रबंधक आई सिंह का कहना है कि चेक क्लीयरिंग हाउस न पहुंचने पर खाता धारकों के खाते में नहीं पहुंच पाया होगा। यह जांच का विषय है। चेक बाउंस होने की स्थिति में उन्हें डुप्लीकेट चेक के लिए भी आवेदन करना चाहिए।
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में सिर्फ छोटेलाल समेत चार लोगाें का ही मामला नहीं है बल्कि अन्य लोग भी इसी तरह का खामियाजा भुगत रहे हैं। बैंक पर मिली अर्चना पांडेय पुत्री कमला पांडेय ने बताया कि वह भी 38 हजार 269 रुपये का चेक दिसंबर में जमा करने के बाद से ही दौड़ रही है। लेकिन उनके भी चेक का अभी तक नहीं भुगतान हुआ।
मऊ। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की रतनपुरा शाखा से एलआईसी क्लेम के चार चेक गायब हो गए । पिछले छह महीने से परेशान लोगों की शिकायत पर वाराणसी क्षेत्रीय बैंक प्रबंधक ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार को टीम ने बैंक में कई स्तरों से पड़ताल की।
रतनपुरा क्षेत्र के गाढ़ा गांव निवासी रीता वर्मा, छोटेलाल वर्मा, लालजी राम और सुखिया देवी को छह महीने पहले बलिया जिले की एलआईसी की रसड़ा शाखा से यूनियन बैंक आफ इंडिया रसड़ा के नाम से चेक जारी किए गए थे। एलआईसी धारकों को यह चेक डाक द्वारा क्रमश: छोटेलाल वर्मा को आठ हजार का चेक संख्या 053319, लालजी राम को 10 हजार का चेक संख्या 05266, श्रीमती रीता वर्मा का 1555 का चेक संख्या 053917 और सुखिया देवी को 56 हजार का चेक संख्या 052815 वर्ष 2011 दिसंबर माह में ही मिला था। चेक प्राप्त करने के बाद सभी ने उसे अपने नजदीकी बैंक की सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के खाते में जमा कर दिया। इसके बाद वह महीनों तक चक्कर लगाते रहे। चक्कर लगाने के बाद भी जब उनका चेक उनके खाते में नहीं जमा हुआ तो उन्होंने क्षेत्रीय प्रबंधक वाराणसी के यहां गुहार लगाई। जहां से जांच के लिए वरिष्ठ प्रबंधक भोला सिंह सेंट्रल बैंक आफ इंडिया रसड़ा को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच के लिए भेजा।
सोमवार को जांच अधिकारी के पहुंचने के बाद बैंक में हड़कंप मच गया। बैंक के कागजातों की खोजबीन हुई। जांच अधिकारी भोला सिंह ने बताया कि बैंक में चेक की रिसीविंग है। लेकिन यह पता नहीं लग पा रहा है कि आखिर चेक गए कहां। बताया कि हो सकता हो यह गड़बड़ी डाक की हो। इसके लिए उन्होंने पोस्ट आफिस को भी नोटिस देकर जवाब मांगा है। बताया कि चेक बीच से ही कहीं गायब हैं। इस संबंध में बैंक के प्रभारी मैनेजर शिवानंद ने किसी भी मामले में कुछ भी कहने से इनकार किया। बताया कि मैनेजर साहब ही इस संबंध में कुछ बता सकते हैं। इस संबंध में अग्रणी जिला प्रबंधक आई सिंह का कहना है कि चेक क्लीयरिंग हाउस न पहुंचने पर खाता धारकों के खाते में नहीं पहुंच पाया होगा। यह जांच का विषय है। चेक बाउंस होने की स्थिति में उन्हें डुप्लीकेट चेक के लिए भी आवेदन करना चाहिए।
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में सिर्फ छोटेलाल समेत चार लोगाें का ही मामला नहीं है बल्कि अन्य लोग भी इसी तरह का खामियाजा भुगत रहे हैं। बैंक पर मिली अर्चना पांडेय पुत्री कमला पांडेय ने बताया कि वह भी 38 हजार 269 रुपये का चेक दिसंबर में जमा करने के बाद से ही दौड़ रही है। लेकिन उनके भी चेक का अभी तक नहीं भुगतान हुआ।