मऊ। शहर कोतवाली के सहादतपुरा स्थित सोमवार की रात आठ बजे सरेराह बाइक सवार दो बदमाशों ने सप्लाई लिपिक के बेटे को गोली मार दी। घायल आभूषण का व्यवसायी था। वह दुकान बंद करके घर अपने गेट पर पहुुुंचा था कि बदमाशों ने पीछे से घटना को अंजाम दिया। मरा हुआ समझकर बदमाश तमंचा लहराते हुए भाग निकल। पास में उसके झोले में रखा आभूषण तक को नहीं छुए। गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल लाया गया। जहां उसकी हालत खराब होते देखकर चिकित्सकोें ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया।
बलिया मेें सप्लाई विभाग मेें तैनात आपूर्ति लिपिक अजीत कुमार गुप्त का पुत्र 35 वर्षीय मनोज कुमार गुप्त की अली विल्ंिडग के पीछे आभूषण की दुकान है। वह नित्य की भांति अपनी दुकान बंद करके रात आठ बजे सहादतपुरा स्थित अपने घर बाइक से पहुंचकर गेट पर बेल बजा रहा था। इसी दौरान बाइक पर सवार दो बदमाश आए और असलहा निकाल कर पीछे से गोली मार दी। दो गोली उसके कुल्हे के पास लगते ही वह गिर पड़ा। बदमाश उसे मरा हुआ समझकर भाग निकले, जबकि वह गोली लगने के बाद घर के अंदर तक उठकर भागा था। गोली की आवाज सुनकर पास पड़ोस के लोग बाहर आ गए। परिजन भी पहुंच गए। पास मेें ही आभूषण और नगदी भरा झोला भी पड़ा हुआ था, जिसे बदमाश छूये तक नहीं थे। लोगोें ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां से वाराणसी रेफर कर दिए।
मऊ। शहर कोतवाली के सहादतपुरा स्थित सोमवार की रात आठ बजे सरेराह बाइक सवार दो बदमाशों ने सप्लाई लिपिक के बेटे को गोली मार दी। घायल आभूषण का व्यवसायी था। वह दुकान बंद करके घर अपने गेट पर पहुुुंचा था कि बदमाशों ने पीछे से घटना को अंजाम दिया। मरा हुआ समझकर बदमाश तमंचा लहराते हुए भाग निकल। पास में उसके झोले में रखा आभूषण तक को नहीं छुए। गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल लाया गया। जहां उसकी हालत खराब होते देखकर चिकित्सकोें ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया।
बलिया मेें सप्लाई विभाग मेें तैनात आपूर्ति लिपिक अजीत कुमार गुप्त का पुत्र 35 वर्षीय मनोज कुमार गुप्त की अली विल्ंिडग के पीछे आभूषण की दुकान है। वह नित्य की भांति अपनी दुकान बंद करके रात आठ बजे सहादतपुरा स्थित अपने घर बाइक से पहुंचकर गेट पर बेल बजा रहा था। इसी दौरान बाइक पर सवार दो बदमाश आए और असलहा निकाल कर पीछे से गोली मार दी। दो गोली उसके कुल्हे के पास लगते ही वह गिर पड़ा। बदमाश उसे मरा हुआ समझकर भाग निकले, जबकि वह गोली लगने के बाद घर के अंदर तक उठकर भागा था। गोली की आवाज सुनकर पास पड़ोस के लोग बाहर आ गए। परिजन भी पहुंच गए। पास मेें ही आभूषण और नगदी भरा झोला भी पड़ा हुआ था, जिसे बदमाश छूये तक नहीं थे। लोगोें ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां से वाराणसी रेफर कर दिए।