मऊ। जनपद में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. अवधेश चंद्र वर्मा को सूबे के महिला कल्याण विभाग की चयन समिति द्वारा तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। शासन की ओर से जिला प्रोबेशन विभाग को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि उक्त कार्रवाई समिति के अध्यक्ष द्वारा बरती गई अनियमितताओं के मद्देनजर की गई है।
बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय अधिनियम 2000 के तहत जरूरतमंद बच्चों को संरक्षण देने के लिए प्रत्येक जिले में बाल कल्याण समिति का गठन किया गया है। इसमें पांच सदस्य होते हैं और इन्हीं में से एक सदस्य समिति का अध्यक्ष होता है। जनपद में लगभग तीन वर्ष पूर्व गठित बाल कल्याण समिति के सदस्य जगदीश सिंह, निर्मल कुमार वर्मा, बबिता वर्मा, अर्चना उपाध्याय और डा. अवधेश चंद्र वर्मा हैं। इसमें डा. वर्मा अध्यक्ष की भूमिका में थे। डा. वर्मा द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं की शिकायत मिलने पर सूबे के महिला कल्याण विभाग की चयन समिति के अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति डीके त्रिवेदी की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि डा. अवधेश चंद्र वर्मा को तत्काल प्रभाव से पदच्युत कर दिया जाए। निर्देश पर डा. वर्मा को उनके अधिकारों, दायित्वों और कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी पीके त्रिपाठी ने बताया कि डा. वर्मा को अनियमितताओं के चलते पदच्युत करने संबंधी शासन के आदेश से सभी संबंधित अधिकारियों और लोगों को अवगत करा दिया गया है। साथ ही डा. वर्मा को भी अवगत कराया गया है कि उनके पास सीडब्ल्यूसी से संबंधित जो भी अभिलेख हैं वे जल्द से जल्द जिला प्रोबेशन विभाग में जमा करा दें। अन्यथा इसके चलते भी उनके ऊपर विधिक कार्यवाही की जा सकती है।
अगले आदेश तक चार सदस्य ही करेंगे कामकाज
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि शासन के अगले आदेश तक फिलहाल चार सदस्यों द्वारा ही समिति का कामकाज निपटाया जाएगा। नए अध्यक्ष की नियुक्ति हेतु अभी कोई शासनादेश विभाग के पास नहीं आया है।
मऊ। जनपद में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. अवधेश चंद्र वर्मा को सूबे के महिला कल्याण विभाग की चयन समिति द्वारा तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। शासन की ओर से जिला प्रोबेशन विभाग को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि उक्त कार्रवाई समिति के अध्यक्ष द्वारा बरती गई अनियमितताओं के मद्देनजर की गई है।
बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय अधिनियम 2000 के तहत जरूरतमंद बच्चों को संरक्षण देने के लिए प्रत्येक जिले में बाल कल्याण समिति का गठन किया गया है। इसमें पांच सदस्य होते हैं और इन्हीं में से एक सदस्य समिति का अध्यक्ष होता है। जनपद में लगभग तीन वर्ष पूर्व गठित बाल कल्याण समिति के सदस्य जगदीश सिंह, निर्मल कुमार वर्मा, बबिता वर्मा, अर्चना उपाध्याय और डा. अवधेश चंद्र वर्मा हैं। इसमें डा. वर्मा अध्यक्ष की भूमिका में थे। डा. वर्मा द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं की शिकायत मिलने पर सूबे के महिला कल्याण विभाग की चयन समिति के अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति डीके त्रिवेदी की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि डा. अवधेश चंद्र वर्मा को तत्काल प्रभाव से पदच्युत कर दिया जाए। निर्देश पर डा. वर्मा को उनके अधिकारों, दायित्वों और कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी पीके त्रिपाठी ने बताया कि डा. वर्मा को अनियमितताओं के चलते पदच्युत करने संबंधी शासन के आदेश से सभी संबंधित अधिकारियों और लोगों को अवगत करा दिया गया है। साथ ही डा. वर्मा को भी अवगत कराया गया है कि उनके पास सीडब्ल्यूसी से संबंधित जो भी अभिलेख हैं वे जल्द से जल्द जिला प्रोबेशन विभाग में जमा करा दें। अन्यथा इसके चलते भी उनके ऊपर विधिक कार्यवाही की जा सकती है।
अगले आदेश तक चार सदस्य ही करेंगे कामकाज
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि शासन के अगले आदेश तक फिलहाल चार सदस्यों द्वारा ही समिति का कामकाज निपटाया जाएगा। नए अध्यक्ष की नियुक्ति हेतु अभी कोई शासनादेश विभाग के पास नहीं आया है।