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मऊ। पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं का परिणाम अब तक घोषित नहीं किया जा सका है। इससे अगली कक्षाओं में छात्रों का नामांकन नहीं हो पा रहा है। बीए, बीएससी तृतीय वर्ष के छात्रों को अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने से वंचित होने की चिंता सताने लगी है। वहीं नए शिक्षा सत्र में कक्षाओं के देर से चलने की आशंका प्रबल हो गई है। परेशान छात्र आंदोलन करने की रणनीति तय करने में जुट गए हैं।
जिले में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध 74 महाविद्यालय हैं। इसमें विभिन्न कक्षाओं में लगभग एक लाख छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। शिक्षा सत्र शुरू होने के एक सप्ताह बाद भी रिजल्ट घोषित नहीं हो सका है। जबकि विश्वविद्यालय की परीक्षा हुए तीन माह बाद बीत चुके हैं। गत वर्ष भी परीक्षा परिणाम बहुत देर से आया था। छात्रों ने धरना प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा सका है। छात्रों की मानें तो अन्य विश्वविद्यालयों में एमए, एमएससी सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। ऐसे में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों का रिजल्ट घोषित न होने से छात्रों को एक वर्ष खराब होने की चिंता सताने लगी है। वहीं बीए, बीएससी, एमए प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को देर से कक्षाओं के चलने का डर सता रहा है। कारण कि देर से पठन पाठन शुरू होने से कोर्स पूरा नहीं हो पाता है। छात्रों को कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन का यही रवैया रहा तो छात्र छात्राओं का नुकसान होना तय है।
रिजल्ट घोषित न होने से छात्र छात्राओं में उबाल
फोटो
मऊ। पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं का परिणाम घोषित न होने से छात्र छात्राओं में आक्रोश पनप रहा है। इस संबंध में डीसीएसके पीजी कालेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा एकता शर्मा का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा कई वर्षों से रिजल्ट देर से घोषित करने से सत्र सिमट जा रहा है। कक्षाएं कम चलने से कोर्स भी पूरा नहीं हो पा रहा है। एकता ने समय से रिजल्ट घोषित किए जाने की मांग की है। इसी तरह इसी कालेज की ही बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा अर्चना दुबे का कहना है कि परीक्षा हुए तीन माह बीत चुके हैं, लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं किया जा सका है। जबकि अन्य विश्वविद्यालयों का रिजल्ट आ गया है। छात्रों के हित को देखते हुए रिजल्ट घोषित किया जाए। इसी क्रम में नागेश्वर पांडेय महाविद्यालय पीपरसाथ बीए तृतीय वर्ष के विवेक सिंह का कहना है कि रिजल्ट समय से न निकलने से बीए करने में चार वर्ष लग जा रहे हैं। इसी क्रम में इसी कालेज के बीए तृतीय वर्ष के छात्र बडे़ गुप्ता का कहना है कि कई वर्ष से देर से रिजल्ट आने से छात्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कालेज की बीए तृतीय वर्ष की छात्रा रुचि गुप्ता का कहना था कि उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय में एमए में दाखिला लेने का लक्ष्य बनाया था। रिजल्ट न आने से अब यह मुश्किल ही लग रहा है। आशीष कुमार गुप्ता का कहना था कि रिजल्ट अविलंब घोषित नहीं किया गया तो छात्रों का गुस्सा कभी फूट सकता है।
मऊ। पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं का परिणाम अब तक घोषित नहीं किया जा सका है। इससे अगली कक्षाओं में छात्रों का नामांकन नहीं हो पा रहा है। बीए, बीएससी तृतीय वर्ष के छात्रों को अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने से वंचित होने की चिंता सताने लगी है। वहीं नए शिक्षा सत्र में कक्षाओं के देर से चलने की आशंका प्रबल हो गई है। परेशान छात्र आंदोलन करने की रणनीति तय करने में जुट गए हैं।
जिले में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध 74 महाविद्यालय हैं। इसमें विभिन्न कक्षाओं में लगभग एक लाख छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। शिक्षा सत्र शुरू होने के एक सप्ताह बाद भी रिजल्ट घोषित नहीं हो सका है। जबकि विश्वविद्यालय की परीक्षा हुए तीन माह बाद बीत चुके हैं। गत वर्ष भी परीक्षा परिणाम बहुत देर से आया था। छात्रों ने धरना प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा सका है। छात्रों की मानें तो अन्य विश्वविद्यालयों में एमए, एमएससी सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। ऐसे में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों का रिजल्ट घोषित न होने से छात्रों को एक वर्ष खराब होने की चिंता सताने लगी है। वहीं बीए, बीएससी, एमए प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को देर से कक्षाओं के चलने का डर सता रहा है। कारण कि देर से पठन पाठन शुरू होने से कोर्स पूरा नहीं हो पाता है। छात्रों को कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन का यही रवैया रहा तो छात्र छात्राओं का नुकसान होना तय है।
रिजल्ट घोषित न होने से छात्र छात्राओं में उबाल
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मऊ। पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं का परिणाम घोषित न होने से छात्र छात्राओं में आक्रोश पनप रहा है। इस संबंध में डीसीएसके पीजी कालेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा एकता शर्मा का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा कई वर्षों से रिजल्ट देर से घोषित करने से सत्र सिमट जा रहा है। कक्षाएं कम चलने से कोर्स भी पूरा नहीं हो पा रहा है। एकता ने समय से रिजल्ट घोषित किए जाने की मांग की है। इसी तरह इसी कालेज की ही बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा अर्चना दुबे का कहना है कि परीक्षा हुए तीन माह बीत चुके हैं, लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं किया जा सका है। जबकि अन्य विश्वविद्यालयों का रिजल्ट आ गया है। छात्रों के हित को देखते हुए रिजल्ट घोषित किया जाए। इसी क्रम में नागेश्वर पांडेय महाविद्यालय पीपरसाथ बीए तृतीय वर्ष के विवेक सिंह का कहना है कि रिजल्ट समय से न निकलने से बीए करने में चार वर्ष लग जा रहे हैं। इसी क्रम में इसी कालेज के बीए तृतीय वर्ष के छात्र बडे़ गुप्ता का कहना है कि कई वर्ष से देर से रिजल्ट आने से छात्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कालेज की बीए तृतीय वर्ष की छात्रा रुचि गुप्ता का कहना था कि उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय में एमए में दाखिला लेने का लक्ष्य बनाया था। रिजल्ट न आने से अब यह मुश्किल ही लग रहा है। आशीष कुमार गुप्ता का कहना था कि रिजल्ट अविलंब घोषित नहीं किया गया तो छात्रों का गुस्सा कभी फूट सकता है।