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दिनेश शर्मा
मथुरा। रिफाइनरी से चला बिटुमिन पिछले 12 साल से लगातार चोरी होता रहा। इस चोरी से रिफाइनरी को 37 करोड़ रुपये का चूना लग गया। शॅार्ट सप्लाई का मुद्दा उठने पर जांच कराई तथा 12 साल की आडिट रिपोर्ट की पड़ताल की गई। मामले का खुलासा होने के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पत्र दिया गया। पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई विभागीय जांच या कार्रवाई नहीं होने का हवाला देते हुए रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया और रिफाइनरी अधिकारियों को पत्र वापस कर दिया।
रिफाइनरी से पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, बिटुमिन, नैफ्था, सॉल्वेंट, एटीएफ, एलडीओ, आदि को तेल टैंकरों के जरिए देश के कोने-कोने में पहुंचाया जाता है। चालक व सप्लायर ने रास्ते में पेट्रोल डीजल व बिटुमिन को बेच देते हैं। सन 1999 से वर्ष 2013 की शुरुआत तक सैंकड़ों मीट्रिक टन बल्क बिटुमिन को रास्ते में ही गायब कर दिया और निर्धारित डीलरों/ स्थानों पर माल कम पहुंचा।
रिफाइनरी मार्केटिंग डिवीजन के अधिकारियों ने माल की शॉर्ट डिलीवरी की शिकायत पर 12 साल के रिकार्ड खंगाले। रिकार्ड में 1999 से लेकर अब तक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 892 मैट्रिक टन बल्क बिटुमिन की कम डिलीवरी होने की बात सामने आई है। सूत्रों के अनुसार रिफाइनरी अधिकारियों ने इसकी कीमत 37 करोड़ 12 लाख पांच हजार रुपये आंकी है। इसकी रिपोर्ट रिफाइनरी प्रबंधन को सौंपी गई। रिफाइनरी मार्केटिंग डिवीजन के डीजीएम स्तर के एक अधिकारी ने रिफाइनरी पुलिस को तहरीर दी और ऑडिट रिपोर्ट के कागजात सौंपे। दो दिन कागजात खंगालने के बाद रिफाइनरी पुलिस ने कागजात वापस कर दिए।
‘रिफाइनरी अधिकारी 12 साल पूर्व से अब तक की ऑडिट रिपोर्ट को बिना किसी विभागीय जांच कराए सौंप रहे थे। 12 साल के इस मामले में उन्होंने किसी अधिकारी को तहरीर में नामजद नहीं कराया था। रिफाइनरी अधिकारी से दोषी अधिकारी को नामजद कराने को कहा गया है।’
- वंशराज यादव
सीओ रिफाइनरी मथुरा
पहले क्यों नहीं चेते अधिकारी
मथुरा। हर साल ऑडिट रिपोर्ट में कमियां मिलने पर भी रिफाइनरी का कोई अधिकारी नहीं चेता और न कोई जांच की। चोरी से हुए नुकसान का आंकड़ा करोड़ों में पहुंचा तो मार्के टिंग डिवीजन के अधिकारी इसे एक दूसरे पर ही टालने के प्रयास में लगे रहे। 12 साल के अंतराल में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक अधिकारियों का तबादला हुआ तो कई रिटायर भी हो गए। साथ ही टैंकरों से माल आपूर्ति करने वाले सप्लायर भी बदल गए।
काला तेल बनाने में होता है बिटुमिन का प्रयोग
मथुरा। काला तेल (ब्लैक गोल्ड) बनाने में सबसे अहम बिटुमिन पदार्थ का प्रयोग होता है। इसे काले तेल के कारोबारी टैंकर चालकों व मालिकों से साठ गांठ कर सस्ती दरों पर बिटुमिन खरीदते हैं। इसे जले हुए मोबिल ऑयल के साथ बिटुमिन में मिलावट कर काला तेल तैयार किया जाता है, जिसको फैक्ट्री संचालक तथा सड़क बनवाने वाले ठेकेदार खरीदते हैं।
डुप्लीकेट डिपरॉड से होती है चोरी
मथुरा। टैंकर चालकों द्वारा तेल चोरी करने के खेल निराले हैं। पंप संचालकों तथा डीलरों को तेल देने व रिफाइनरी से तेल लेने के लिए टैंकर संचालक तेल मापन को अलग-अलग डिपरॉड रखते हैं। कई बार जांच में रिफाइनरी अधिकारियों ने डुप्लीकेट डिपरॉड पकड़ी हैं। इसके अलावा टैंकर चालक माल लेने व देने के दौरान टेयर वेट व ग्रॉस वेट में टैंकर की टंकी खाली व भरकर माल की बचत कर लेते हैं। इसके अलावा कई बार टैंकों में भीतर 500 लीटर तक का छोटा टैंक भी तेल चोरी के लिए बनवा कर रखते हैं।