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अजय खंडेलवाल
मथुरा। महंगाई अब आपके होश उड़ाने जा रही है। रसोई गैस और डीजल के बाद अब 28 जनवरी के बाद रोटी मंहगी हो जाएगी। उत्तरप्रदेश में भारतीय खाद्य निगम ने अपने बिक्री मूल्य में 169 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दी है। व्यापारी नई दरों पर गेहूं खरीदने से पीछे हट रहे हैं।
वर्तमान में मंडियों में गेहूं की आवक न के बराबर है। ऐसे में गेहूं का बाजार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा ओएमएस (ओपन मार्केट सेल) के जरिए की जा रही गेहूं की बिक्री पर निर्भर हो गया है। अब तक एफसीआई का प्रदेश में बिक्री मूल्य 1403 रुपये प्रति क्विंटल था। टेंडर के जरिए बडे़ उपभोक्ता, ट्रेडर्स और फ्लोर मिल संचालकों को दिए जा रहे गेहूूं की कीमतों में अचानक भारी भरकम वृद्धि कर दी गई है।
28 जनवरी को होने वाली टेंडर प्रक्रिया में निगम ने अपने गेहूं का न्यूनतम मूल्य 169 बढ़ाकर 1572 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इस वृद्धि की सूचना के साथ ही आटे की कीमतों में वृद्धि देखने को मिल रही है।
बाजार में भी दिखा मूल्यवृद्धि का असर
मथुरा (ब्यूरो)। एफसीआई की बिक्री मूल्य वृद्धि का असर बाजार पर दिखने लगा है। पिछले तीन दिनों में ही मंडी में गेहूं की कीमतों में 70 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई हैं। वहीं एक सप्ताह में आटे की कीमतों में दो से तीन रुपये किलो तक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
राजस्थान में यूपी से कम कीमत
मथुरा (ब्यूरो)। फ्लोर मिल संचालक प्रतुल अग्रवाल ने बताया कि यूपी में 1572 रुपये के रेटों पर सभी कर अलग से हैं। ये गेहूं मिल संचालकों को लगभग 1675 रुपये प्रति क्विंटल पड़ेगा। जबकि राजस्थान में 1550 रुपये का रेट वैट सहित है। ऐसे में एफसीआई अपनी बात पर अड़ी रही तो यहां के व्यापारी राजस्थान से गेहूं की खरीद शुरू करने पर मजबूर होंगे।