मथुरा/शेरगढ़। थाना शेरगढ़ के गांव बिसम्भरा गैंगवार में दो हिस्ट्रीशटर भाइयों की हत्या कर दी गई। घंटे भर से अधिक पूरा इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजता रहा। जब फायरिंग रुक तो क्रिमिनल सगे भाइयों की मौत हो चकु थी। दोनों पर कई मुकदमे थे। इस गोलीबारी में एक बालिका सहित दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन हुई इस गैंगवार के बाद गांव में पीएसी व पुलिस तैनात कर दी गई है। आरोपी साहून-सल्ली गैंग के सभी सदस्य घटना के बाद फरार हो गए।
थाना शेरगढ़ के गांव बिसम्भरा में लंबे समय शातिर बदमाश सुलेमान का 53 वर्षीय पुत्र खुर्शीद व उसका भाई 50 वर्षीय हुकमू गैंग चलाता रहा है। वह लूट, वाहन लूट, जानलेवा हमले, दुराचार, राहजनी को पनाहगार भी रहा है। खुर्शीद पर शेरगढ़ थाने में 35 तथा हुकमू पर 14 मुकदमे दर्ज हैं। वर्तमान में इलाके में आपराधिक बादशाहत हासिल करने वाले छत्र राज करने वाले साहून-सल्ली गिरोह से खुर्शीद व हुकमू के बीच दुश्मनी रहती थी।
15 अगस्त को साहून-सल्ली और खुर्शीद गैंग के बीच किसी बंटवारे को लेकर दोपहर दो बजे गांव में कहासुनी हो गई। इसके बाद मारपीट हुई। फिर सुलह होने पर दोनों पक्ष खेतों पर गए और थोड़ी ही देर बाद लौट आए। अपराह्न 3:30 बजे दोनों बदमाशों के गैंग धड़ों में बंट गए और गांव में डेढ़ घंटे तक जमकर गोलीबारी हुई। दोनों ओर से 100 से अधिक राउंड गोलियां चलाई गईं। गैंगवार में खुर्शीद व उसके भाई हुक मू की मौके पर ही मौत हो गई। घटना में गांव के हसन की 40 वर्षीय पत्नी जैनम तथा मकरु की छह वर्षीय पुत्री शबनम गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गईं। सायं 4:30 बजे शेरगढ़ पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देख गैंगवार कर रहे बदमाश जंगल की ओर भाग गए।
घटना की सूचना पर एसएसपी एन पद्मजा, एसपी देहात(कार्यवाहक) राजू बाबू, सीओ छाता आशुतोष मिश्रा आदि मयफोर्स के गांव पहुंच गए। खुर्शीद व हुकमू की हत्या के बाद दूसरे गैंग के लोगों में आक्रोश को देखते हुए सर्किल का फोर्स, पीएसी तैनात कर दी। इस मामले में खुर्शीद के छोटे भाई सम्पू ने गांव के बदमाश कुर्शीद पुत्र इलियास, हक मू पुत्र रहमान के अलावा रतिया, इकबाल, अल्वी, मुद्दीन, इसरी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपी साहून-सल्ली गैंग के सदस्य हैं।
मथुरा/शेरगढ़। थाना शेरगढ़ के गांव बिसम्भरा गैंगवार में दो हिस्ट्रीशटर भाइयों की हत्या कर दी गई। घंटे भर से अधिक पूरा इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजता रहा। जब फायरिंग रुक तो क्रिमिनल सगे भाइयों की मौत हो चकु थी। दोनों पर कई मुकदमे थे। इस गोलीबारी में एक बालिका सहित दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन हुई इस गैंगवार के बाद गांव में पीएसी व पुलिस तैनात कर दी गई है। आरोपी साहून-सल्ली गैंग के सभी सदस्य घटना के बाद फरार हो गए।
थाना शेरगढ़ के गांव बिसम्भरा में लंबे समय शातिर बदमाश सुलेमान का 53 वर्षीय पुत्र खुर्शीद व उसका भाई 50 वर्षीय हुकमू गैंग चलाता रहा है। वह लूट, वाहन लूट, जानलेवा हमले, दुराचार, राहजनी को पनाहगार भी रहा है। खुर्शीद पर शेरगढ़ थाने में 35 तथा हुकमू पर 14 मुकदमे दर्ज हैं। वर्तमान में इलाके में आपराधिक बादशाहत हासिल करने वाले छत्र राज करने वाले साहून-सल्ली गिरोह से खुर्शीद व हुकमू के बीच दुश्मनी रहती थी।
15 अगस्त को साहून-सल्ली और खुर्शीद गैंग के बीच किसी बंटवारे को लेकर दोपहर दो बजे गांव में कहासुनी हो गई। इसके बाद मारपीट हुई। फिर सुलह होने पर दोनों पक्ष खेतों पर गए और थोड़ी ही देर बाद लौट आए। अपराह्न 3:30 बजे दोनों बदमाशों के गैंग धड़ों में बंट गए और गांव में डेढ़ घंटे तक जमकर गोलीबारी हुई। दोनों ओर से 100 से अधिक राउंड गोलियां चलाई गईं। गैंगवार में खुर्शीद व उसके भाई हुक मू की मौके पर ही मौत हो गई। घटना में गांव के हसन की 40 वर्षीय पत्नी जैनम तथा मकरु की छह वर्षीय पुत्री शबनम गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गईं। सायं 4:30 बजे शेरगढ़ पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देख गैंगवार कर रहे बदमाश जंगल की ओर भाग गए।
घटना की सूचना पर एसएसपी एन पद्मजा, एसपी देहात(कार्यवाहक) राजू बाबू, सीओ छाता आशुतोष मिश्रा आदि मयफोर्स के गांव पहुंच गए। खुर्शीद व हुकमू की हत्या के बाद दूसरे गैंग के लोगों में आक्रोश को देखते हुए सर्किल का फोर्स, पीएसी तैनात कर दी। इस मामले में खुर्शीद के छोटे भाई सम्पू ने गांव के बदमाश कुर्शीद पुत्र इलियास, हक मू पुत्र रहमान के अलावा रतिया, इकबाल, अल्वी, मुद्दीन, इसरी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपी साहून-सल्ली गैंग के सदस्य हैं।