मैनपुरी। मिड-डे मील घोटाले में दोषी पाए गए पूर्व दो बीएसए और एक लिपिक के खिलाफ मुकदमा चलाने की स्वीकृति शासन ने दे दी है। 19 करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई को सौंपी गई थी। अभिलेखों में कटिंग और ओवर राइटिंग पर भी सीबीआई ने कई शिक्षाधिकारियों से नाराजगी भी जताई थी।
पूर्व डीएम रणवीर प्रसाद के निर्देश पर कराई गई जांच में मिड-डे मील घोटाला सामने आया था। पूर्ति निरीक्षक संजय मिश्रा ने पूर्व बीएसए सहित कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच कर रही सीबीआई टीम ने घोटाले में पूर्व बीएसए केडीएन राम, रघुवीर सिंह, लिपिक विशुन दयाल राजपूत को दोषी पाया। उनके खिलाफ शासन के प्रमुख शिक्षा सचिव सुनील कुमार और संयुक्त निदेशक आगरा मंडल से अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी।
प्रमुख सचिव ने दोनों पूर्व बीएसए और संयुक्त निदेशक ने लिपिक के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दे दी है। रघुवीर सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। घोटाले में निलंबित किए गए केडीएन राम एटा डायट में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।
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और अधिकारियों पर भी गिर सकती है गाज
मैनपुरी(ब्यूरो)। मिड-डे मील घोटाले में दो पूर्व बीएसए और एक लिपिक के खिलाफ अभियोजन की संस्तुति मिलने के बाद अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिरने की संभावना बढ़ गई है। तत्कालीन डीएम के निरीक्षण के दौरान हुए खुलासे के बाद कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट की विवेचना हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई को तीन के खिलाफ अभियोजन की संस्तुति मिलने के बाद मिड डे मील से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप है। बताते चलें कि सीबीआई टीम ने मिड डे मील घोटाले को लेकर गाजियाबाद कार्यालय में दो आईएएस, तीन सीडीओ को बुलाकर पूछताछ की थी। इन अधिकारियों की तैनाती जिले में मिड-डे मील व्यवस्था शुरू होने से लेकर घोटाले का खुलासा होने तक रही है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई टीम अब प्रशासनिक और कुछ शिक्षाधिकारियों को निशाने पर लिए है। सीबीआई का मानना है कि इन अधिकारियों ने अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरती है।
मैनपुरी। मिड-डे मील घोटाले में दोषी पाए गए पूर्व दो बीएसए और एक लिपिक के खिलाफ मुकदमा चलाने की स्वीकृति शासन ने दे दी है। 19 करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई को सौंपी गई थी। अभिलेखों में कटिंग और ओवर राइटिंग पर भी सीबीआई ने कई शिक्षाधिकारियों से नाराजगी भी जताई थी।
पूर्व डीएम रणवीर प्रसाद के निर्देश पर कराई गई जांच में मिड-डे मील घोटाला सामने आया था। पूर्ति निरीक्षक संजय मिश्रा ने पूर्व बीएसए सहित कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच कर रही सीबीआई टीम ने घोटाले में पूर्व बीएसए केडीएन राम, रघुवीर सिंह, लिपिक विशुन दयाल राजपूत को दोषी पाया। उनके खिलाफ शासन के प्रमुख शिक्षा सचिव सुनील कुमार और संयुक्त निदेशक आगरा मंडल से अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी।
प्रमुख सचिव ने दोनों पूर्व बीएसए और संयुक्त निदेशक ने लिपिक के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दे दी है। रघुवीर सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। घोटाले में निलंबित किए गए केडीएन राम एटा डायट में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।
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और अधिकारियों पर भी गिर सकती है गाज
मैनपुरी(ब्यूरो)। मिड-डे मील घोटाले में दो पूर्व बीएसए और एक लिपिक के खिलाफ अभियोजन की संस्तुति मिलने के बाद अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिरने की संभावना बढ़ गई है। तत्कालीन डीएम के निरीक्षण के दौरान हुए खुलासे के बाद कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट की विवेचना हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई को तीन के खिलाफ अभियोजन की संस्तुति मिलने के बाद मिड डे मील से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप है। बताते चलें कि सीबीआई टीम ने मिड डे मील घोटाले को लेकर गाजियाबाद कार्यालय में दो आईएएस, तीन सीडीओ को बुलाकर पूछताछ की थी। इन अधिकारियों की तैनाती जिले में मिड-डे मील व्यवस्था शुरू होने से लेकर घोटाले का खुलासा होने तक रही है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई टीम अब प्रशासनिक और कुछ शिक्षाधिकारियों को निशाने पर लिए है। सीबीआई का मानना है कि इन अधिकारियों ने अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरती है।