भोगांव। उपजिलाधिकारी ने शनिवार को विकास खंड एलाऊ क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पड़ौरा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खाने की घटिया सामग्री मिलने पर नाराजगी जताई। शिक्षिका से ‘श्रीराम की अयोध्या’ लिखने को कहा तो वह नहीं लिख पाईं। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की कम स्थिति पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीएम को भेजी है।
शनिवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे विकास खंड एलाऊ के ग्राम पड़ौरा प्राथमिक विद्यालय का उपजिलाधिकारी वीके अग्रवाल ने निरीक्षण किया। वहां सहायक अध्यापिका रानीदेवी उपस्थित थीं। उनसे एसडीएम ने सवाल-जवाब किए तो वह ठीक जवाब नहीं दे सकीं। इस पर उन्होंने घर से पढ़कर आने के निर्देश दिए। विद्यालय में पंजीकृत संख्या से काफी कम बच्चे मिले। उन्होंने शिक्षकों से घर-घर जाकर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा। बच्चों के लिए बन रहे मध्याह्न भोजन की घटिया सामग्री मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कंपनी के मसाले खरीदने के निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने विद्यालय में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया। इसमें 65 बच्चों में से मात्र छह बच्चे उपस्थित मिले। बच्चों के कपड़े गंदे देखकर उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्री को आड़े हाथाें लिया। बच्चों ने बताया कि उन्हें पिछले पांच दिनों से पंजीरी नहीं मिली है। जबकि केंद्र के अभिलेख में 65 बच्चों को प्रतिदिन पंजीरी देना दर्शाया गया। उन्होंने विद्यालय की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजकर आंगनबाड़ी सहायिका और कार्यकत्री के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है।
भोगांव। उपजिलाधिकारी ने शनिवार को विकास खंड एलाऊ क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पड़ौरा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खाने की घटिया सामग्री मिलने पर नाराजगी जताई। शिक्षिका से ‘श्रीराम की अयोध्या’ लिखने को कहा तो वह नहीं लिख पाईं। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की कम स्थिति पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीएम को भेजी है।
शनिवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे विकास खंड एलाऊ के ग्राम पड़ौरा प्राथमिक विद्यालय का उपजिलाधिकारी वीके अग्रवाल ने निरीक्षण किया। वहां सहायक अध्यापिका रानीदेवी उपस्थित थीं। उनसे एसडीएम ने सवाल-जवाब किए तो वह ठीक जवाब नहीं दे सकीं। इस पर उन्होंने घर से पढ़कर आने के निर्देश दिए। विद्यालय में पंजीकृत संख्या से काफी कम बच्चे मिले। उन्होंने शिक्षकों से घर-घर जाकर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा। बच्चों के लिए बन रहे मध्याह्न भोजन की घटिया सामग्री मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कंपनी के मसाले खरीदने के निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने विद्यालय में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया। इसमें 65 बच्चों में से मात्र छह बच्चे उपस्थित मिले। बच्चों के कपड़े गंदे देखकर उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्री को आड़े हाथाें लिया। बच्चों ने बताया कि उन्हें पिछले पांच दिनों से पंजीरी नहीं मिली है। जबकि केंद्र के अभिलेख में 65 बच्चों को प्रतिदिन पंजीरी देना दर्शाया गया। उन्होंने विद्यालय की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजकर आंगनबाड़ी सहायिका और कार्यकत्री के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है।