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मैनपुरी। अश्लील क्लिपिंग का मामला अब शहर से हटकर गांव तक जा पहुंचा है। जगह-जगह एनजीओ संचालक अमित सारिकवाल के पुतले फूंके जा रहे हैं। वहीं उसकी गिरफ्तारी की मांग भी जोर पकड़ रही है। जांच में जुटी पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। पुलिस क्लिपिंग बनाने वाले का सुराग तक नहीं लगा सकी है। तह तक पहुंचने के लिए पुलिस ने सर्विलांस का सहारा तो लिया लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
अश्लील क्लिपिंग के मामले में दर्ज की गई रिपोर्ट पर पुलिस की जांच जारी है लेकिन पुलिस अभी तक यह भी पता नहीं लगा सकी है कि आरोपी है कहां। पुलिस सूत्रों के अनुसार सर्विलांस पर लगाए गए आरोपी के मोबाइल नंबरों से बात ही नहीं हो रही है। वहीं उसके तीन नंबर बंद हैं। मामला सामने आने के बाद से ही आरोपी और युवती दोनों ही अपने घरों से गायब हैं।
इधर, पुलिस की जांच और कार्रवाई लोगों के गले नहीं उतर रही है। लोगों का कहना है कि मामला जितना गंभीर है पुलिस की जांच उतनी ही शिथिल है। पुलिस अगर चाहे तो आरोपी को दबोच सकती है। शहर के निकटवर्ती ग्राम भांवत में बैठक कर बुजुर्गों ने आक्रोश जताया।
वक्ताओं ने कहा कि एनजीओ संचालक अमित सारिकवाल ने जो कृत्य किया है उसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है। पुलिस अभी तक कुछ नहीं कर सकी है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। बैठक में हेमराज सिंह, अशोक कुमार, राकेश कुमार, प्रभुदयाल, राज बहादुर, पंचम सिंह, सुधाकर, रामनरेश, श्यामलाल, राजवीर आदि मौजूद थे।
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पुलिस को मामले की पारदर्शिता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस के हाथ कुछ सुराग भी लगे हैं। जांच पूरी तरह गोपनीय है। शीघ्र ही मामले की तह तक पहुंचकर घटनाक्रम का खुलासा किया जाएगा। दोषी लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- शलभ माथुर, एसपी
मैनपुरी। अश्लील क्लिपिंग का मामला अब शहर से हटकर गांव तक जा पहुंचा है। जगह-जगह एनजीओ संचालक अमित सारिकवाल के पुतले फूंके जा रहे हैं। वहीं उसकी गिरफ्तारी की मांग भी जोर पकड़ रही है। जांच में जुटी पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। पुलिस क्लिपिंग बनाने वाले का सुराग तक नहीं लगा सकी है। तह तक पहुंचने के लिए पुलिस ने सर्विलांस का सहारा तो लिया लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
अश्लील क्लिपिंग के मामले में दर्ज की गई रिपोर्ट पर पुलिस की जांच जारी है लेकिन पुलिस अभी तक यह भी पता नहीं लगा सकी है कि आरोपी है कहां। पुलिस सूत्रों के अनुसार सर्विलांस पर लगाए गए आरोपी के मोबाइल नंबरों से बात ही नहीं हो रही है। वहीं उसके तीन नंबर बंद हैं। मामला सामने आने के बाद से ही आरोपी और युवती दोनों ही अपने घरों से गायब हैं।
इधर, पुलिस की जांच और कार्रवाई लोगों के गले नहीं उतर रही है। लोगों का कहना है कि मामला जितना गंभीर है पुलिस की जांच उतनी ही शिथिल है। पुलिस अगर चाहे तो आरोपी को दबोच सकती है। शहर के निकटवर्ती ग्राम भांवत में बैठक कर बुजुर्गों ने आक्रोश जताया।
वक्ताओं ने कहा कि एनजीओ संचालक अमित सारिकवाल ने जो कृत्य किया है उसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है। पुलिस अभी तक कुछ नहीं कर सकी है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। बैठक में हेमराज सिंह, अशोक कुमार, राकेश कुमार, प्रभुदयाल, राज बहादुर, पंचम सिंह, सुधाकर, रामनरेश, श्यामलाल, राजवीर आदि मौजूद थे।
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पुलिस को मामले की पारदर्शिता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस के हाथ कुछ सुराग भी लगे हैं। जांच पूरी तरह गोपनीय है। शीघ्र ही मामले की तह तक पहुंचकर घटनाक्रम का खुलासा किया जाएगा। दोषी लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- शलभ माथुर, एसपी