मैनपुरी। जननी सुरक्षा योजना के बाद संस्थागत प्रसव भले ही बढ़े हों, लेकिन अस्पतालों में महिला चिकित्सकों की कमी के चलते नवजात शिशु रोगों की चपेट में आ रहे हैं। बर्थ एक्सपेसिया से पीड़ित होने पर जिला अस्पताल में दो और मासूमों को भर्ती कराया गया। वहां उपचार के दौरान एक की हालत गंभीर होते देख चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। गौरतलब है कि एक माह में आधा दर्जन मासूमों की बर्थ एक्सपेसिया से हालत बिगड़ी है।
थाना कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला नई बस्ती गाड़ीवान निवासी विमलेश के पुत्र ने जन्म लिया। हालत बिगड़ने पर परिजन तत्काल मासूम को जिला अस्पताल लाए। वहां आपातकालीन चिकित्साधिकारी ने नवजात बालक को बर्थ एक्सपेसिया(प्रसव के दौरान पेट में गंदा पानी जाना) से पीड़ित बताते हुए उपचार शुरू कर किया है। उपचार के दौरान मासूम की हालत गंभीर होते देख मासूम को रेफर कर दिया।
थाना घिरोर क्षेत्र के ग्राम नगला बगिया निवासी प्रमोद कुमार के मंगलवार को को पुत्री हुई। नवजात को गंभीर हालत में तत्काल जिला अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सक ने दो घंटे की मासूम बालिका को बर्थ एस्पेक्सिया से पीड़ित बताते हुए उपचार शुरू किया है। उपचार के दौरान नवजात मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। गौरतलब है कि एक माह में बर्थ एस्पेक्सिया से आधा दर्जन मासूमों की हालत बिगड़ी है।
मैनपुरी। जननी सुरक्षा योजना के बाद संस्थागत प्रसव भले ही बढ़े हों, लेकिन अस्पतालों में महिला चिकित्सकों की कमी के चलते नवजात शिशु रोगों की चपेट में आ रहे हैं। बर्थ एक्सपेसिया से पीड़ित होने पर जिला अस्पताल में दो और मासूमों को भर्ती कराया गया। वहां उपचार के दौरान एक की हालत गंभीर होते देख चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। गौरतलब है कि एक माह में आधा दर्जन मासूमों की बर्थ एक्सपेसिया से हालत बिगड़ी है।
थाना कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला नई बस्ती गाड़ीवान निवासी विमलेश के पुत्र ने जन्म लिया। हालत बिगड़ने पर परिजन तत्काल मासूम को जिला अस्पताल लाए। वहां आपातकालीन चिकित्साधिकारी ने नवजात बालक को बर्थ एक्सपेसिया(प्रसव के दौरान पेट में गंदा पानी जाना) से पीड़ित बताते हुए उपचार शुरू कर किया है। उपचार के दौरान मासूम की हालत गंभीर होते देख मासूम को रेफर कर दिया।
थाना घिरोर क्षेत्र के ग्राम नगला बगिया निवासी प्रमोद कुमार के मंगलवार को को पुत्री हुई। नवजात को गंभीर हालत में तत्काल जिला अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सक ने दो घंटे की मासूम बालिका को बर्थ एस्पेक्सिया से पीड़ित बताते हुए उपचार शुरू किया है। उपचार के दौरान नवजात मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। गौरतलब है कि एक माह में बर्थ एस्पेक्सिया से आधा दर्जन मासूमों की हालत बिगड़ी है।