महोबा। विकासखंड कबरई के ग्राम छानी कला में परिवार के साथ रह रहे संजय सिंह को क्या पता था कि वह जिन बच्चाें की पढ़ाई के लिए गांव छोड़ रहा है, उन बच्चाें की डाक्टर, इंजीनियर बनने से पहले ही मौत हो जाएगी। अब एक साथ दोनों बच्चाें की मौत के बाद माता पिता का बुरा हाल है। मां रो-रोकर बेहोश हो जाती है और होश में आने पर पुन: बेहोश हो जाती है।
ग्राम छानी कला निवासी संजय सिंह की बच्ची रिया डाक्टर और बेटा जय सिंह इंजीनियर बनने की बात करता था। इतना ही नहीं दोनाें बच्चे इसी उम्मीद से दिन रात गांव में रहकर पढ़ाई करते थे। पिता संजय सिंह का कहना है कि बच्चाें की यह इच्छा पूरी करने के लिए उसने गांव छोड़ दिया और दो साल पहले महोबा आकर रहने लगा। यहां पर उसने अपने बच्चाें का कान्वेंट स्कूलाें में एडमिशन करा दिया। बच्चे भी अच्छे स्कूल में प्रवेश पाकर पढ़ाई करने लगे। घर पर अच्छे ट्यूटर भी लगे हुए थे। मृतक बच्चाें की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह रोते बिलखते हुए कहती है कि बच्ची डाक्टर बनने के लिए कहती थी इसलिए खेती बाड़ी सब कुछ छोड़कर महोबा में मकान किराए पर ले लिया। रिया कक्षा 2 और जय सिंह कक्षा 3 मेें पढ़ता था। दोनाें बच्चाें की मौत के बाद संजय सिंह के पास एक बच्चा रह गया है लेकिन भाई-बहन में सबसे छोटा चार वर्षीय यह बच्चा भाई-बहन को खोने से काफी दु:खी है।
इनसेट -------------------
बच्चाें की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित
महोबा। तीन बच्चाें की एक साथ हुई मौत के बाद से लोग सहमे हुए हैं और अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि पुलिस की घोर लापरवाही के चलते हुई मासूम बच्चाें की मौत से नाराज लोगाें ने शहर में कई जगह जाम और विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकाें में भी अब बच्चाें की सुरक्षा के प्रति दहशत बढ़ गई है। अभिभावक सुरेंद्र गुप्ता, संतोष रिछारिया, ईरेंद्र बाबू का कहना है कि पुलिस को किसी भी घटना की तहरीर दी जाए पुलिस कोई रुचि नहीं लेती जिससे यह घटना घट गई। उनका कहना है कि अब सारे अभिभावक अपने बच्चाें की सुरक्षा को लेकर खासे चिंतित हैं।
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पवन का अभी भी नहीं लगा सुराग
महोबा। स्वतंत्रता दिवस पर गायब हुए एक ही परिवार के तीन बच्चाें की तो मौत हो गई लेकिन 12 अगस्त से गायब एक बालक का पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा सकी है। अब इन बच्चाें की मौत के बाद इस बालक के परिजन भी खासे सकते में हैं। डीएम आवास के पीछे मोहल्ला गांधी नगर निवासी रामहेत तिवारी का 9 वर्षीय बेटा पवन 12 अगस्त को दोपहर में गायब हो गया था जिसकी तहरीर कोतवाली में गुमशुदगी की दी गई थी। इसके बाद 15 अगस्त को डाक बंगला के पीछे गांधी नगर निवासी संजय सिंह के दो बच्चे और एक साले का बेटा गायब हो गया। चार बच्चाें के गायब होने के बाद भी पुलिस कोई सुराग नहीं लगा सकी। तीन बच्चाें की लाशें मिलने के बाद भी रामहेत भी अपने बच्चे के लिए खासा परेशान है।
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डाक्टराें के पैनल से होगा पोस्टमार्टम
महोबा। बच्चाें की मौत के बाद उग्र भीड़ द्वारा किए जा रहे बवाल को देखते हुए जिले भर की पुलिस बुला ली गई। इसके बाद भी स्थिति काबू में न आती देख पीएसी बुलानी पड़ी। इसके चलते कल्याण सागर सरोवर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। चाराें तरफ पुलिस ही पुलिस नजर आने से हो-हल्ला मचा रहे नागरिक भी पुलिस कार्रवाई की शंका से सहम गए। अपर पुलिस अधीक्षक अजय मिश्रा और उप जिलाधिकारी सदर विंध्यवासिनी राय ने मृतक के परिजनाें को डाक्टराें का पैनल बनाकर पोस्टमार्टम कराए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही वीडियोग्राफी कराने की बात कही जिससे मृतक के परिजनाें को किसी भी तरह की शक न रह जाए।
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आक्रोशित भीड़ ने पुलिस को खूब छकाया
महोबा। तीन मासूम बच्चाें की मौत के बाद नागरिकाें ने जिले भर की पुलिस को छका लिया। पहले चार घंटे तक लाशें नहीं उठने दीं, इसके बाद पीडब्ल्यूडी तिराहे पर जाम लगा दिया। जैसे तैसे पुलिस की आरजू मिन्नत के बाद यहां का जाम खुला तो कानपुर-सागर हाईवे पर जाम लगा दिया। दो घंटे बाद वहां का जाम खुलने के बाद नवयुवकाें ने महोबा-मुस्करा मार्ग पर मंडी समिति के पास जाम लगा दिया। यह सिलसिला सुबह से अपराह्न 2 बजे तक चलता रहा। कभी पुलिस इधर तो कभी उधर भागती दिखाई दी।
महोबा। विकासखंड कबरई के ग्राम छानी कला में परिवार के साथ रह रहे संजय सिंह को क्या पता था कि वह जिन बच्चाें की पढ़ाई के लिए गांव छोड़ रहा है, उन बच्चाें की डाक्टर, इंजीनियर बनने से पहले ही मौत हो जाएगी। अब एक साथ दोनों बच्चाें की मौत के बाद माता पिता का बुरा हाल है। मां रो-रोकर बेहोश हो जाती है और होश में आने पर पुन: बेहोश हो जाती है।
ग्राम छानी कला निवासी संजय सिंह की बच्ची रिया डाक्टर और बेटा जय सिंह इंजीनियर बनने की बात करता था। इतना ही नहीं दोनाें बच्चे इसी उम्मीद से दिन रात गांव में रहकर पढ़ाई करते थे। पिता संजय सिंह का कहना है कि बच्चाें की यह इच्छा पूरी करने के लिए उसने गांव छोड़ दिया और दो साल पहले महोबा आकर रहने लगा। यहां पर उसने अपने बच्चाें का कान्वेंट स्कूलाें में एडमिशन करा दिया। बच्चे भी अच्छे स्कूल में प्रवेश पाकर पढ़ाई करने लगे। घर पर अच्छे ट्यूटर भी लगे हुए थे। मृतक बच्चाें की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह रोते बिलखते हुए कहती है कि बच्ची डाक्टर बनने के लिए कहती थी इसलिए खेती बाड़ी सब कुछ छोड़कर महोबा में मकान किराए पर ले लिया। रिया कक्षा 2 और जय सिंह कक्षा 3 मेें पढ़ता था। दोनाें बच्चाें की मौत के बाद संजय सिंह के पास एक बच्चा रह गया है लेकिन भाई-बहन में सबसे छोटा चार वर्षीय यह बच्चा भाई-बहन को खोने से काफी दु:खी है।
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बच्चाें की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित
महोबा। तीन बच्चाें की एक साथ हुई मौत के बाद से लोग सहमे हुए हैं और अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि पुलिस की घोर लापरवाही के चलते हुई मासूम बच्चाें की मौत से नाराज लोगाें ने शहर में कई जगह जाम और विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकाें में भी अब बच्चाें की सुरक्षा के प्रति दहशत बढ़ गई है। अभिभावक सुरेंद्र गुप्ता, संतोष रिछारिया, ईरेंद्र बाबू का कहना है कि पुलिस को किसी भी घटना की तहरीर दी जाए पुलिस कोई रुचि नहीं लेती जिससे यह घटना घट गई। उनका कहना है कि अब सारे अभिभावक अपने बच्चाें की सुरक्षा को लेकर खासे चिंतित हैं।
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पवन का अभी भी नहीं लगा सुराग
महोबा। स्वतंत्रता दिवस पर गायब हुए एक ही परिवार के तीन बच्चाें की तो मौत हो गई लेकिन 12 अगस्त से गायब एक बालक का पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा सकी है। अब इन बच्चाें की मौत के बाद इस बालक के परिजन भी खासे सकते में हैं। डीएम आवास के पीछे मोहल्ला गांधी नगर निवासी रामहेत तिवारी का 9 वर्षीय बेटा पवन 12 अगस्त को दोपहर में गायब हो गया था जिसकी तहरीर कोतवाली में गुमशुदगी की दी गई थी। इसके बाद 15 अगस्त को डाक बंगला के पीछे गांधी नगर निवासी संजय सिंह के दो बच्चे और एक साले का बेटा गायब हो गया। चार बच्चाें के गायब होने के बाद भी पुलिस कोई सुराग नहीं लगा सकी। तीन बच्चाें की लाशें मिलने के बाद भी रामहेत भी अपने बच्चे के लिए खासा परेशान है।
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डाक्टराें के पैनल से होगा पोस्टमार्टम
महोबा। बच्चाें की मौत के बाद उग्र भीड़ द्वारा किए जा रहे बवाल को देखते हुए जिले भर की पुलिस बुला ली गई। इसके बाद भी स्थिति काबू में न आती देख पीएसी बुलानी पड़ी। इसके चलते कल्याण सागर सरोवर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। चाराें तरफ पुलिस ही पुलिस नजर आने से हो-हल्ला मचा रहे नागरिक भी पुलिस कार्रवाई की शंका से सहम गए। अपर पुलिस अधीक्षक अजय मिश्रा और उप जिलाधिकारी सदर विंध्यवासिनी राय ने मृतक के परिजनाें को डाक्टराें का पैनल बनाकर पोस्टमार्टम कराए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही वीडियोग्राफी कराने की बात कही जिससे मृतक के परिजनाें को किसी भी तरह की शक न रह जाए।
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आक्रोशित भीड़ ने पुलिस को खूब छकाया
महोबा। तीन मासूम बच्चाें की मौत के बाद नागरिकाें ने जिले भर की पुलिस को छका लिया। पहले चार घंटे तक लाशें नहीं उठने दीं, इसके बाद पीडब्ल्यूडी तिराहे पर जाम लगा दिया। जैसे तैसे पुलिस की आरजू मिन्नत के बाद यहां का जाम खुला तो कानपुर-सागर हाईवे पर जाम लगा दिया। दो घंटे बाद वहां का जाम खुलने के बाद नवयुवकाें ने महोबा-मुस्करा मार्ग पर मंडी समिति के पास जाम लगा दिया। यह सिलसिला सुबह से अपराह्न 2 बजे तक चलता रहा। कभी पुलिस इधर तो कभी उधर भागती दिखाई दी।