डीएम के सख्त निर्देश भी हो रहे बेअसर
महोबा। प्रदेश सरकार भले ही गुणवत्तापरक निर्माण के लिए कार्यदाई संस्थाआें पर सख्ती बरत रही हो, लेकिन निर्माण एजेंसियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। ठेकेदार घटिया सामग्री और गुणवत्ताहीन निर्माण कराकर लाखों की कमाई कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी स्थलीय निरीक्षण न कर इसे नजरंदाज कर रहे हैं।
जिले में गुणवत्ताहीन निर्माण का सिलसिला डीएम के
सख्त निर्देशों के बावजूद थम नहीं रहा है। महोबा-कुलपहाड़ मार्ग स्थित पचपहरा के नजदीक पीसीएफ गोदाम पर लाखों की कीमत से बनाए जा रहे गोदाम के निर्माण में मानकों की खुलेआम अनदेखी हो रही है। प्राक्कलन के विपरीत गोदाम निर्माण में नंबर 1 ईंट के बजाए नंबर 2 की ईंट का उपयोग खुलेआम हो रहा है। निर्माण के दौरान फाउंडेशन में भी गड्ढों की भराई गुणवत्ता परक नहीं की गई। न ही अनुपात के मुताबिक सरिया का उपयोग किया जा रहा है। कार्यदाई संस्था के अधिकारी भी कानपुर और लखनऊ में बैठकर कार्य की गुणवत्ता का आकलन कर रहे हैं। 10-15 दिन में मौके पर आकर कागज पूर्ति करके निर्माण की नियमित देखरेख का फर्ज निभा रहे हैं। कार्यस्थल पर मौजूद पीसीएफ भंडार नायक राम सिंह ने बताया कि अधिकारी ही इस निर्माण की लागत और कार्यदाई संस्था को बता सकते हैं। वह कभी कभार आते हैं। इस संबंध में जेई आरएस द्विवेदी ने प्राक्कलन की लागत पर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि यह निर्माण कार्य लखनऊ स्तर से स्वीकृत है। जिसकी लागत की जानकारी उन्हें नहीं है। उच्चाधिकारियों का संपर्क नंबर पूछने पर उन्होंने कुछ भी बताने से गुरेज किया।